हिलेरी क्लिंटन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर फोड़ा अपनी हार का ठीकरा
हिलेरी क्लिंटन ने अपनी हार का ठीकरा रूस पर फोड़ा है। उन्होंने इसके लिए रूस द्वारा कथित ताैैर पर किए गए साइबर हमलों को जिम्मेदार ठहराया है।

वाशिंगटन (आईएएनएस )। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हार का स्वाद चखने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने अपनी हार का ठीकरा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर फोड़ा है। उन्होंने इसके लिए रूस द्वारा की गई हैकिंग को जिम्मेदार ठहराया है। क्लिंटन ने पार्टी को आर्थिक मदद देने वालों से कहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को उनसे व्यक्तिगत तौर पर शिकायत थी, क्योंकि उन्होंने पांच साल पहले रूस के संसदीय चुनाव में धांधली की बात कही थी। उन्होंने रूस द्वारा कथित तौर पर किए गए साइबर अटैक को देश पर हमला बताया।
उन्होंने कहा कि पुतिन ने अपने लोगों के गुस्से के लिए सार्वजनिक तौर पर मुझे दोषी ठहराया था। उस समय पुतिन ने जो कहा और इस चुनाव में उन्होंने जो किया उसके बीच सीधा संबंध है। क्लिंटन का कहना था कि रूस का साइबर अटैक सिर्फ मेरे और मेरे अभियान पर हमला नहीं है। यह हमला हमारे देश के खिलाफ हमला है। यह हमारे लोकतंत्र की अखंडता और देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है।
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वहीं रूस ने अमेरिका को चुनौती देते हुए इस तरह के आरोपों को साबित करने या फिर उन्हें चुप रहने की हिदायत दी है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने संवाददाताओं से कहा कि रूस कई बार हैकिंग के आरोप से इंकार कर चुका है, लेकिन इसके बावजूद इस तरह के आरोपों का दौर जारी है।
गौरतलब है कि अमेरिका के पूर्व राजदूत ने एक इंटरव्यू में कहा था कि अमेरिकी चुनाव में रूस द्वारा साइबर अटैक कर परिणाम में धांधली गई। उन्हेांने यहां तक कहा कि पुतिन हिलेरी क्लिंटन को पसंद नहीं करते हैंं इसलिए उन्होंने ही ऐसा किया है। साथ ही उन्होंने यहां तक कहा कि पुतिन मानते हैं कि हिलेरी ने रूस के चुनाव में उन्हें हराने के लिए काफी कुछ किया था। जिसको लेकर पुतिन ने हिलेरी से बदला लेने की बात तक कही थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सितंबर में एक सम्मेलन के दौरान पुतिन से इस तरह की हरकतों को बंद करने के लिए कहा था। उन्हें यह भी कहा था कि अगर यह जारी रहा तो इसके अंजाम भुगतने होंगे। उन्होंने साफ कहा कि इस बारे में कोई मतभेद नहीं है कि साइबर हमले के पीछे रूस का हाथ है।
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ओबामा ने कहा, इसको लेकर कोई बड़ा विवाद नहीं हैं। हमने जो भी कहा है वह तथ्य है, जो समान खुफिया आकलनों पर आधारित है। डीएनसी को हैक करने के पीछे रूस का हाथ है और परिणामस्वरूप हमारे लिए आवश्यक है कि इसके सभी तत्वों की समीक्षा कर सुनिश्चित करें कि हम भविष्य में साइबर हमलों द्वारा ऐसे हस्तक्षेपों पर रोक लगा पाने में सक्षम हों। ओबामा को उम्मीद है कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी हैंकिंग को गंभीरता से लेंगे।

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