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    आतंकवाद से मिलकर लड़ेंगे भारत और चीन

    By Sachin MishraEdited By:
    Updated: Sat, 28 May 2016 06:22 AM (IST)

    चीन ने कहा कि वह भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और बढ़ाएगा। यह सहयोग संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बढ़ेगा।

    बीजिंग, प्रेट्र। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के जैश-ए-मुहम्मद सरगना मसूद अजहर का मामला उठाए जाने के अगले ही दिन चीन ने कहा कि वह भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और बढ़ाएगा। यह सहयोग संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बढ़ेगा। प्रणब ने भारत-चीन के 70 साल पुराने संबंधों को याद करते हुए संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर से संबंधित भारतीय प्रस्ताव को रोके जाने पर असंतोष जताया था।

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    दोनों देशों ने प्रणब मुखर्जी की चार दिवसीय चीन यात्रा को बेहद सफल और फलदायी करार दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनइंग ने कहा, दोनों देश अपने अच्छे पारंपरिक संबंधों को आगे बढ़ाने को तैयार हैं। हम अपने सहयोग को और गहराई तक ले जाना चाहते हैं और द्विपक्षीय संबंधों में विकास चाहते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवाद हम दोनों देशों का दुश्मन है। हम हर स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ अपने सहयोग को बढ़ाएंगे।

    उन्होंने यह बात संयुक्त राष्ट्र में अजहर से संबंधित प्रस्ताव पर सवाल के जवाब में कही। गुरुवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वार्ता में प्रणब ने आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एकजुट होने की जरूरत बताई थी। कहा था कि आतंकवादी बुरे और अच्छे नहीं होते। प्रवक्ता ने बताया कि उच्च स्तर पर दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्यशैली को बेहतर बनाने पर राजी हुए हैं। प्रणब से वार्ता में शी ने रेलवे, औद्योगिक विकास, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट समेत कई विकास योजनाओं में सहयोग का प्रस्ताव किया।

    प्रवक्ता ने बताया कि हम अपने मतभेदों और विवादों को शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाएंगे। ये हमारे ताजा सहयोगों पर असर नहीं डालेंगे। भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली सीमा, अक्साई चिन समेत कई विवादित मामले हैं। हुआ ने बताया कि दोनों देशों के बीच व्यापार असमानता पर भारत ने चिंता जताई है। चीन भारत में 70 अरब डॉलर (चार लाख अड़सठ हजार करोड़ रुपये) का व्यापार करता है जबकि भारत 48 अरब डॉलर (तीन लाख इक्कीस हजार करोड़ रुपये) का ही व्यापार कर पाता है।

    आतंक पर चीन भारत की चिंता से सहमत : प्रणब

    चीन दौरा खत्म करके स्वदेश वापस लौट रहे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बताया कि उन्होंने मुख्य रूप से आतंकवाद और भारत की ऊर्जा जरूरत पर चीनी नेताओं से बात की। अजहर मसूद के मामले में भारत की अपेक्षा से चीन को अवगत करा दिया गया है। साथ ही आतंकवाद से लड़ाई में सहयोग मांगा गया है। इसके साथ परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के मामले में भी चीनी सहयोग की अपेक्षा की गई। प्रणब ने बताया कि दोनों ही मुद्दों पर चीनी नेताओं ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग का आश्वासन दिया है।

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