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    लापता लड़ाकू विमान सुखोई के बारे में चीन ने कहा उसे कोई जानकारी नहीं है

    By Srishti VermaEdited By: Srishti Verma
    Updated: Wed, 24 May 2017 05:06 PM (IST)

    भारतीय लड़ाकू विमान सुखोई के लापता होने पर चीन से पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। ...और पढ़ें

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    बीजिंग (प्रेट्र)। चीन ने कहा है कि उसे दो पायलटों के साथ लापता भारतीय वायुसेना सुखोई लड़ाकू जेट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने ये बातें कहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या चीन लड़ाकू विमान को ढूंढने में भारत की मदद करेगा जो 24 घंटे पहले एक नियमित ट्रेनिंग के लिए असम के तेज़पुर बेस से उड़ान भरने के बाद से लापता हो गया है।

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    उन्होंने कहा, "हम दक्षिण तिब्बत (अरुणाचल प्रदेश) में बहुत करीब से स्थितियों का पालन कर रहे हैं।" उन्होंने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का हवाला देते हुए कहा, "भारत-चीन सीमा के पूर्वी भाग में चीन की स्थिति पहले से ही साफ है।"

    लू ने कहा, "हमें उम्मीद है कि भारत दोनों पक्षों के बीच शांति और स्थिरता कायम कर सकता है। चीन की ये प्रतिक्रिया दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर बढ़ते विवादों के बाद आई है। इन मुद्दों में तिब्बती आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की हाल ही की यात्रा भी शामिल है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत भी मानता है। मालूम हो कि, भारत-चीन सीमा विवाद में 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा शामिल है।

    इधर भारत यह दावा करता है कि विवाद में 'अक्साई चीन' क्षेत्र भी शामिल है, जो 1962 के युद्ध के दौरान चीन के द्वारा कब्जा कर लिया गया था। दो दिन पहले चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि, परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता बोली पर चीन के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। यह बयान अगले महीने बर्न, स्विटजरलैंड में आयोजित होने वाले 48-सदस्यीय कुलीन समूह की पूर्ण बैठक से पहले आया।

    चीन ने भी पाकिस्तान के जेएम नेता मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र के द्वारा प्रतिबंध लगाने के लिए भारत के प्रयासों को बार-बार अवरुद्ध कर दिया है। पिछले हफ्ते, भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में गिलगित और बाल्तिस्तान के माध्यम से चल रही महत्वाकांक्षी पहल के तहत बीजिंग में चीन के 'बेल्ट एंड रोड फोरम' का बहिष्कार किया था। भारत 46 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर का विरोध करता है।