ड्रोन विमानों के जरिए चीन दक्षिण चीन सागर पर रख रहा है नजर
दक्षिण चीन सागर पर निगहबानी के लिए चीन ड्रोन विमानों का इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि चीन ने कहा कि इसे किसी देश को भड़काने वाली कार्रवाई के तौर पर नहीं देखना चाहिए।
बीजिंग(आइएएनएस)। 3.5 मिलियन वर्ग किमी में फैले दक्षिण चीन सागर पर निगरानी के लिए चीन अब ड्रोन विमानों का इस्तेमाल करेगा। ड्रोन विमान चीन और जापान के बीच विवाद का केंद्र बने डियाऊ द्वीप की निगरानी करेंगे। दक्षिण चीन सागर के ज्यादातर द्वीप और रीफ पानी के अंदर हैं। उन द्वीपों का बहुत कम हिस्सा पानी के ऊपर दिखायी देता है। इस तरह की भौगोलिक बनावट की वजह से उन द्वीपों की सीमांकन नहीं हो पाया है।
चीन की टॉप आरएस टेक्नॉलजी के जीएम ली यिंगचेंग के मुताबिक ड्रोन विमानों के जरिए सर्वे कर द्वीपों का सीमांकन करने में मदद मिलेगी। चीन की तरफ से ZC-5B और ZC-10 ड्रोन विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है।ZC-5B ड्रोन विमान एक बार में 1400 किमी उड़ान भरता है, और हवा में 30 घंटे तक लगातार बना रह सकता है। इन ड्रोन विमानों पर बिडोऊ नेविगेशन सिस्टम को लगाया गया है ताकि पानी के अंदर द्वीपों का शत प्रतिशत मैपिंग की जा सके।
चीन ने दक्षिण चीन सागर में तैनात की मिसाइलें
हाल ही में इंटरनेशनल कोर्ट ने दक्षिण चीन सागर पर पर फिलीपींस के दावे पर मुहर लगा दी थी। हालांकि कोर्ट के फैसले पर चीन ने कहा था कि वो इस तरह के फैसले को तवज्जो नहीं देगा। गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर की सामरिक महत्ता और प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार की वजह से चीन और उसके पड़ोसी देशों में तनातनी रहती है।
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