..तो 9/11 के लिए सऊदी अरब पर कर सकेंगे मुकदमा
अमेरिकी सीनेट ने उस विधेयक को पारित कर दिया है जो 9/11 हमले के पीडि़तों के परिजनों को सऊदी अरब के खिलाफ मुकदमा करने की इजाजत देता है।
वाशिंगटन, प्रेट्र : अमेरिकी सीनेट ने उस विधेयक को पारित कर दिया है जो 9/11 हमले के पीडि़तों के परिजनों को सऊदी अरब के खिलाफ मुकदमा करने की इजाजत देता है। हालांकि व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल करेंगे। नाराज सऊदी अरब ने इस विधेयक के कानून बनने पर अमेरिका में 750 अरब डॉलर (करीब 50,233 अरब रुपये) के निवेश से हाथ खींचने की धमकी दी है।
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'जस्टिस अगेंस्ट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिज्म एक्ट' नामक यह विधेयक डेमोक्रेटिक सीनेटर चार्ल्स शुमेर और रिपब्लिकन जॉन कार्निन की ओर से लाया गया था। अब इसे निचले सदन प्रतिनिधि सभा में भेजा जाएगा। वहां से पारित होने के बाद इसे कानून में बदलने के लिए ओबामा के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट ने बताया राष्ट्रपति इस विधेयक के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल करेंगे।
अर्नेस्ट ने कहा, 'यह बिल किसी को मिलने वाली छूट (सोवरन इम्युनिटी) संबंधी पुराने अंतरराष्ट्रीय कानून को बदल देगा। राष्ट्रपति लगातार यह चिंता व्यक्त करते रहे हैं कि यह विधेयक विश्र्व भर की अन्य अदालती प्रणालियों में अमेरिका को असुरक्षित बना सकता है।' उन्होंने सोवरन इम्युनिटी को अपने देश की सुरक्षा के लिए अहम बताते हुए कहा कि अमेरिका दुनिया के दूसरे देशों की गतिविधियों में किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक शामिल है। ऐसे में यह कल्पना करना मुश्किल है कि राष्ट्रपति इस पर हस्ताक्षर करेंगे।
गौरतलब है कि यह विधेयक अमेरिकी जमीन पर आतंकवादी हमलों के पीडि़तों या उनके परिवार के सदस्यों को उन देशों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देता है जहां आतंकी अपनी गतिविधियों को संचालित करते हैं। कॉर्निन ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले हर कृत्य को रोकने के लिए अमेरिका को हरसंभव तरीके का प्रयोग करना चाहिए।
सऊदी क्यों?
11 सितंबर 2001 को अल-कायदा ने अमेरिका में हमला किया था। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हुए हमलों में करीब तीन हजार लोग मारे गए थे। बीबीसी के अनुसार हमले में इस्तेमाल किए गए विमानों का अपहरण करने वाले 19 लोगों में से 15 सऊदी अरब के नागरिक थे। अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन भी सऊदी का ही रहने वाला था। हालांकि सऊदी अरब ने उसकी नागरिकता खत्म कर दी थी। हमलों के पीछे किसी भी तरह की भूमिका से सऊदी अरब लगातार इन्कार करता रहा है। 2004 में आई 9/11 आयोग की रिपोर्ट में भी कहा गया था,'इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि सऊदी सरकार या वहां के किसी वरिष्ठ अधिकारी ने हमलावरों को किसी तरह की मदद दी थी।'

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