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मलेशियाई विमान को गिराने को हुआ बक मिसाइल का इस्तेमाल!

लंदन। मलेशियाई विमान एमएच 17 को निशाना बनाने में कथित तौर पर जिस बक मिसाइल लांचर का इस्तेमाल हुआ उसका निर्माण रूस ने सोवियत संघ के अस्तित्व में होने के दौरान 1

By Edited By: Published: Fri, 18 Jul 2014 05:07 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jul 2014 05:19 AM (IST)

लंदन। मलेशियाई विमान एमएच 17 को निशाना बनाने में कथित तौर पर जिस बक मिसाइल लांचर का इस्तेमाल हुआ उसका निर्माण रूस ने सोवियत संघ के अस्तित्व में होने के दौरान 1979 में किया था। बक मिसाइल लांचर से 72 हजार फीट तक हवा में मार की जा सकती है।

हालांकि यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे विद्रोहियों ने इतनी क्षमता की मिसाइल अपने पास होने से इन्कार किया है, लेकिन पश्चिमी देशों की एक समाचार एजेंसी के संवाददाता ने दावा किया है कि उसने बक मिसाइल लांचर जैसा हथियार इन विद्रोहियों के पास देखा है। विद्रोहियों के पास अन्य आधुनिक हथियार भी हैं। इनमें से अधिकांश वही हैं जो रूसी सेना के पास रहे हैं। यूक्रेन, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों का आरोप है कि रूस गुपचुप रूप से विद्रोहियों को आधुनिक हथियार दे रहा है।

बक मिसाइल लांचर आधुनिक रडार से लैस है। इसके चलते एक साथ कई मिसाइलें विभिन्न दिशाओं में दागी जा सकती हैं। इस मिसाइल लांचर के आधुनिक मॉडल के जरिये ड्रोन विमानों को भी निशाना बनाया जा सकता है। रूस ने ऐसे मिसाइल सिस्टम सीरिया समेत कई देशों को बेचे हैं। लंदन स्थित सैन्य मामलों के एक रूसी विशेषज्ञ इगोर सुत्यागिन के अनुसार यूक्रेनी विद्रोहियों के पास इतनी क्षमता नहीं कि वे विमान को मिसाइल से भेद सकें।

उन्होंने बक लांचर सिस्टम के इस्तेमाल के लिए किसी विशेषज्ञ की सेवाएं ली हो सकती हैं। यूक्रेन सेना के पास भी बक लांचर सिस्टम है। इगोर के मुताबिक पिछले दिनों विद्रोहियों ने इस लांचर सिस्टम से लैस यूक्रेन के एक सैन्य अड्डे पर कब्जा कर लिया था, लेकिन वह उनके काम का नहीं, क्योंकि वे इस सिस्टम का उपयोग करना नहीं जानते।

सैन्य मामलों के एक अन्य विशेषज्ञ जोनाथन इयाल के मुताबिक विमान को गिराने का काम किसी सैन्य तंत्र के बस का ही है। या तो रूसी सेना की ओर से मिसाइल दागी गई या फिर यूक्रेन की ओर से। अगर विद्रोहियों ने यह काम किया है तो उन्हें रूस का सहयोग मिला होगा। विशेषज्ञों के अनुसार चूंकि नाटो का निगरानी तंत्र मिसाइल के स्रोत के बारे में नहीं जान सका है इसलिए मलेशियाई विमान किसकी मिसाइल की चपेट में आया, इस गुत्थी को सुलझाना मुश्किल हो सकता है।

पढ़ें: मलेशियाई विमान पर मिसाइल से हमला, 295 की मौत

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