चीन की सरजमीं से ब्रिक्स की पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को ललकार
43 पेज के शियामिन घोषणा-पत्र में आतंकवाद की एक स्वर से निंदा करते हुए उसका मिलकर मुकाबला करने का संकल्प लिया। ...और पढ़ें

शियामिन [ चीन ], एजेंसी। भारत को आतंक के खिलाफ ब्रिक्स देशों को एकजुट करने में चीन की सरजमीं पर ब़़डी कूटनीतिक कामयाबी मिली। ब्रिक्स के नौवें शिखर सम्मेलन में पहली बार पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा के अलावा आईएस, अलकायदा, तालिबान व अन्य पर चिंता जताई गई। 43 पेज के शियामिन घोषणा-पत्र में चीन समेत पांचों सदस्य देशों ने आतंकवाद की एक स्वर से निंदा करते हुए उसका मिलकर मुकाबला करने का संकल्प लिया। आतंक पर अब तक पाक का समर्थन करने वाला चीन भी चार अन्य देशों के दबाव में झुकने को मजबूर हुआ।

-भारत की ब़़डी कूटनीतिक कामयाबी, चार देशों के दबाव में झुका चीन भी
-पहली बार ब्रिक्स घोषणा-पत्र में जैश, लश्कर, आईएस, अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों का जिक्र
पुतिन, जिनपिंग, मोदी, जूमा और टेमर एकजुट
शियामिन शिखर सम्मेलन की सबसे ब़़डी उपलब्धि आतंकवाद के मुद्दे पांचों सदस्य देशों के शासन प्रमुखों का एकजुट होना रहा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, भारत के पीएम नरेंद्र मोदी, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर और द. अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जूमा ने आतंकवाद की क़़डे शब्दों में निंदा की।
शियामिन घोषणा-पत्र
-दुनियाभर में हुए आतंकी हमलों, चाहे वो कहीं भी घटित हुए हों और उसे किसी ने भी अंजाम दिया हो, की क़़डी निंदा करते हैं।
-आतंकी हमलों को उचित ठहराने के लिए कोई तर्क नहीं दिया जा सकता।
-क्षेत्र की सुरक्षा की स्थिति और तमाम आतंकी संगठनों की हिंसा से ब्रिक्स देश चिंतित हैं।
-आतंकी हमले करने, संगठन बनाने व आतंकियों का समर्थन करने वाले देशों की जवाबदेही तय होना चाहिए।
-आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए अंतराष्ट्रीय कानून के अनुसार सहयोग ब़़ढाने की जरूरत।
-उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण की ब्रिक्स देश निंदा करते हैं।
आतंक का 17 बार जिक्र: प्रीति सरन
विदेश मंत्रालय की सचिव [ पूर्वी देश ] प्रीति सरन ने बताया कि पहली बार ब्रिक्स घोषणा-पत्र में पाक में चल रहे आतंकी संगठनों के नामों का खास तौर पर जिक्र किया गया। इससे संकेत मिलता है कि पाक से चल रहे इन गुटों के खिलाफ चीन के रख में बदलाव आया है। घोषषणा--पत्र में आतंक शब्द का 17 बार उपयोग किया गया है।
इन संगठनों का जिक्र
तालिबान, आईएस, अलकायदा और उसके सहयोगी, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, ईस्टर्न तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान और हिज्ब-उत-ताहिर। तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट चीन के शिनजियांग प्रांत उइगर स्वायत्त क्षेत्र में सक्रिय है।
मोदी ने उठाया मुद्दा, अन्य देशों ने किया समर्थन
भारतीय अधिकारियों के अनुसार पीएम मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा पुरजोर ढंग से उठाया। उनका वहां मौजूद अन्य देशों ने भी समर्थन कर इसके खिलाफ मिलकर संघर्ष की मंशा जताई। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, भारत, रूस, चीन और द. अफ्रीका शामिल हैं।
जो गोवा में नहीं हो सका वह शियामिन में कर दिखाया
इसे भारत की कूटनीतिक जीत ही कहा जाएगा कि जो काम ब्रिक्स की पिछली गोवा बैठक में नहीं हो सका वह शियामिन में हो गया। गोवा घोषणा-पत्र में चीन के विरोध के कारण पाक समर्थित आतंकी संगठनों के नाम नहीं जु़ड सके थे।
क्या मसूद अजहर पर बदलेगा चीन का रख?
चीन ने ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद का तो विरोध कर दिया, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या वह भारत के दुश्मन मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र से अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का समर्थन करेगा? अब तक वह अमेरिका व अन्य देशों के इस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का उपयोग कर चुका है। इस बारे में मीडिया ने जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग से चीन का रख जानना चाहा तो उन्होंने सीधा कोई जवाब नहीं दिया।
रख बदलने पर चीन की सफाई
चीन ने कहा है कि जैश, लश्कर और हक्कानी नेटवर्क जिस तरह से क्षेत्र में हिंसा फैला रहे हैं, उसे देखते हुए ही उनका नाम ब्रिक्स घोषणा-पत्र में लिया गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शुआंग ने कहा कि इन सभी संगठनों पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध लगा चुका है।
और इधर..म्यांमार सीमा पर मुठभे़ड, एनएससीएन उग्रवादी ढेर
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश से लगी भारत-म्यांमार सीमा पर सोमवार को सेना की विशेष टीम ने उग्रवादी संगठन एनएससीएन [ खापलांग ] के एक उग्रवादी को मार गिराया। मुठभे़ड में एक जवान भी घायल हो गया। सेना के सूत्रों ने बताया कि विशेष बल ने लांगडींग जिले में उग्रवादियों के खिलाफ अभियान छे़डा है। कार्रवाई के दौरान सेना ने सीमा पार नहीं की।

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