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विकिलीक्स मामले में मैनिंग जासूसी के दोषी

वाशिंगटन। अमेरिका को हिला कर रख देने वाली वेबसाइट विकिलीक्स को खुफिया दस्तावेज लीक करने का आरोप झेल रहे 25 वर्षीय ब्रैडली मैनिंग को शत्रु की मदद करने के सबसे गंभीर आरोप से बरी कर दिया गया है। हालांकि, वाशिंगटन स्थित सैन्य अदालत ने अमेरिकी सैनिक मैनिंग को जासूसी समेत 20 अन्य आरोपों में दोषी करार दिया है। इससे पूव

By Edited By: Published: Thu, 01 Aug 2013 09:23 AM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2013 09:46 AM (IST)
विकिलीक्स मामले में मैनिंग जासूसी के दोषी

वाशिंगटन। अमेरिका को हिला कर रख देने वाली वेबसाइट विकिलीक्स को खुफिया दस्तावेज लीक करने का आरोप झेल रहे 25 वर्षीय ब्रैडली मैनिंग को शत्रु की मदद करने के सबसे गंभीर आरोप से बरी कर दिया गया है। हालांकि, वाशिंगटन स्थित सैन्य अदालत ने अमेरिकी सैनिक मैनिंग को जासूसी समेत 20 अन्य आरोपों में दोषी करार दिया है। इससे पूर्व मैनिंग ने विकिलीक्स संपादक असांजे को खुफिया दस्तावेज लीक करने की बात स्वीकार कर ली थी।

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लेकिन साथ ही उसका यह भी कहना था कि उसने ऐसा सिर्फ इसलिए किया था ताकि अमेरिकी विदेश नीति पर बहस हो सके। अमेरिकी सैनिक की सजा पर सैन्य अदालत की जज कर्नल डेनिस लिंड बुधवार से सुनवाई शुरू करेंगी। वैसे जानकारों का कहना है कि मैनिंग को इस मामले में 100 साल से भी ज्यादा की सजा हो सकती है। जासूसी के अलावा जिन अन्य मामलों में अमेरिकी सैनिक को सजा सुनाई गई है, उनमें चोरी के पांच, कंप्यूटर धोखाधड़ी का एक और सैन्य अपराध के कई मामले शामिल हैं।

खुफिया दस्तावेज लीक करने के मामले में मैनिंग को मई, 2010 में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के वक्त वह इराक में तैनात था। अमेरिका भेजे जाने से पहले इस सैनिक को कई हफ्तों तक कुवैत स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकाने एरीफजैन में हिरासत में रखा गया था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मेजर एश्डेन फीन ने कहा था कि मैनिंग ने सुनियोजित तरीके से हजारों गुप्त सरकारी दस्तावेज को विकिलीक्स को उपलब्ध कराया था।

मेजर एश्डेन ने अदालत ने यह भी कहा था कि एक खुफिया विश्लेषक होने के नाते मैनिंग को यह सोचना चाहिए कि उन्होंने जो दस्तावेज लीक किए थे, वह क्लिक करते ही अलकायदा के पास भी पहुंच सकते थे। अभियोजन पक्ष ने अदालत से कहा कि मैनिंग ने जो दस्तावेज लीक किए, उनसे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा है। इसके चलते अमेरिकी नागरिकों, विदेशी खुफिया कर्मचारियों और कूटनीतिज्ञों के जीवन को खतरा बढ़ गया है।

मेजर के अनुसार इनमें से कुछ दस्तावेज आखिरकार ओसामा बिन लादेन तक भी पहुंच गए थे। लेकिन मैनिंग के वकील डेविड कूंब ने इन आरोपों का पुरजोर खंडन किया था।

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