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    पाकिस्‍तान के 'अत्‍याचारों' के खिलाफ बलोच-सिंधियों ने लंदन में किया प्रदर्शन

    By Pratibha Kumari Edited By:
    Updated: Sun, 10 Sep 2017 12:17 PM (IST)

    आरोप है कि पाकिस्‍तान द्वारा निर्दोष लोगों की हत्‍याएं की जा रही हैं और तमाम लोग लापता हैं। कहा कि पाकिस्‍तान ऐसा देश है, जहां न कोई नियम-कानून और ना ही न्‍याय है।

    पाकिस्‍तान के 'अत्‍याचारों' के खिलाफ बलोच-सिंधियों ने लंदन में किया प्रदर्शन

    लंदन, एएनआइ। पाकिस्‍तान के खिलाफ ब्रिटेन स्थित बलोच और सिंधी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पीएम थेरेसा मे के आधिकारिक आवास 10 डाउनिंग स्‍ट्रीट के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। पाकिस्‍तान में हो रही हत्‍याओं और लापता हो रहे लोगों को लेकर उन्‍होंने अपना गुस्‍सा जाहिर किया।

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    एक मानवाधिकार कार्यकर्ता सैयद आलम शाह सिंधी ने कहा कि पाकिस्‍तान ऐसा देश है, जहां न कोई नियम-कानून और ना ही न्‍याय है। पाकिस्‍तान निश्चित रूप से युद्ध की स्थिति में है और यह हमेशा विभिन्‍न ऑपरेशनों के तहत खास तौर से बलोच और सिंधियों के खिलाफ करता रहता है। यह युद्ध सिर्फ समाज में उनकी महत्‍ता को दिखाने के लिए है। आज हम यहां बलूचिस्‍तान और सिंध के लोगों की अवैध गिरफ्तारियों, अपहरणों और हत्‍याओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जुटे हुए हैं।

    बलोच रिपब्लिकन पार्टी के एक कार्यकर्ता मंसूर बलोच ने कहा कि हम यहां पीएम के आवास के बाहर इसलिए हैं, ताकि अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय जान सके कि पाकिस्‍तान एक आतंकवादी देश है जिसे बलोच और सिंधी लोगों का अपहरण करना रोक देना चाहिए और उन्‍हें शांति से जीने देना चाहिए।

    वहीं पीएम कार्यालय को सौंपी गई एक याचिका में वर्ल्‍ड सिंधी कांग्रेस के सदस्‍यों और ब्रिटेन के दूसरे आम नागरिकों ने कहा कि ब्रिटेन को इस शर्त पर पाकिस्‍तान को सहायता देनी चाहिए कि वो यूएन चार्टर के अनुसार मानवाधिकार एवं अंतरराष्‍ट्रीय कानून के अवलोकन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताए।

    इससे पहले भी कई देशों में बलोच और सिंधी कार्यकर्ता और नेता पाकिस्‍तान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर चुके हैं। उनका आरोप है कि पाकिस्‍तानी सेना बलूचिस्‍तान में लोगों के साथ निर्ममता के साथ पेश अाती है। कई हत्‍याएं की जा चुकी हैं। लोग लापता हो रहे हैं। बलोच और सिंधी लोगों के विकास और उनके हित के बारे में सोचने की बजाए उनका सालों से दमन किया जा रहा है। बलोच चीन पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के विरोध में भी हैं। उनका आरोप है कि उनके संसाधनों का इस्‍तेमाल हो रहा है, मगर इससे उनका भला नहीं होने वाला।

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