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भारत को यूरेनियम देने को तैयार आस्ट्रेलिया

आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने कहा है कि उनकी योजना भारत के साथ एक नाभिकीय समझौते पर हस्ताक्षर करने की है, जिसके बाद आस्ट्रेलिया, भारत को यूरेनियम बेच सकेगा। एबॉट की अगले सप्ताह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होनी है। भारत के तीन दिवसीय दौरे से पहले एबॉट ने संसद में उम्मीद जताइ

By Edited By: Published: Wed, 03 Sep 2014 06:27 PM (IST)Updated: Wed, 03 Sep 2014 06:30 PM (IST)

मेलबर्न। आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने कहा है कि उनकी योजना भारत के साथ एक नाभिकीय समझौते पर हस्ताक्षर करने की है, जिसके बाद आस्ट्रेलिया, भारत को यूरेनियम बेच सकेगा। एबॉट की अगले सप्ताह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होनी है।

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भारत के तीन दिवसीय दौरे से पहले एबॉट ने संसद में उम्मीद जताई कि उनके भारत दौरे से खनन, वित्त और शिक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि यूरेनियम बेचने पर समझौता होने से भारत को अपनी बिजली की मांग पूरी करने में मदद मिलेगी। एक दिन पहले एबॉट ने कहा था कि अगर आस्ट्रेलिया, रूस को यूरेनियम बेचने को तैयार हो सकता है तो निश्चित तौर पर नियमों के तहत हम भारत को भी यूरेनियम बेचने को तैयार हैं। हालांकि भारत ने अभी तक परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इस पर एबॉट ने कहा कि आस्ट्रेलिया समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले यह सुनिश्चित करेगा कि इसमें सुरक्षा के पर्याप्त उपायों का समावेश हो। उन्होंने इसकी भी घोषणा की कि आस्ट्रेलिया अब रूस को यूरेनियम बेचना जारी नहीं रखेगा।

भारत के साथ समझौते के बाद 2018 तक दोनों देशों के बीच सालाना निर्यात दोगुना होने की उम्मीद है। आस्ट्रेलिया में दुनिया के एक तिहाई यूरेनियम के स्रोत हैं, यह सालाना सात हजार टन यूरेनियम का निर्यात करता है। 2012 में लेबर पार्टी की सरकार ने भारत के परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं करने के चलते उसे यूरेनियम बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। भारत, आस्ट्रेलिया का पांचवां सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। भारत में उसका कुल निर्यात 11.4 बिलियन डालर का है।

पढ़ें: आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अगले हफ्ते करेंगे भारत का दौरा


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