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    कैलिफोर्निया में हमले के बाद वीजा नियमों को लेकर उठी चिंता

    पति के साथ हमले को अंजाम देने वाली ताशफीन मलिक को पाक मूल के अमेरिकी नागरिक की मंगेतर के तौर पर विशेष वीजा दिया गया था। अब वीजा देने की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि आतंकी संगठनों से जुड़े लोग इसका फायदा उठा सकते हैं।

    By Abhishek Pratap SinghEdited By: Updated: Sat, 05 Dec 2015 08:47 PM (IST)

    वाशिंगटन: पति के साथ हमले को अंजाम देने वाली ताशफीन मलिक को पाक मूल के अमेरिकी नागरिक की मंगेतर के तौर पर विशेष वीजा दिया गया था। अब वीजा देने की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि आतंकी संगठनों से जुड़े लोग इसका फायदा उठा सकते हैं।

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    पाकिस्तानी नागरिक मलिक को कई सरकारी जांच के बाद जुलाई 2014 में के-1 वीजा पर अमेरिका में प्रवेश की अनुमति मिली थी। के-1 वीजा प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक इस तरह के वीजा को लेकर पृष्ठभूमि संबंधी व्यापक जांच होती है। लेकिन उंगलियों के निशान, बायोमीट्रिक और नामों की जांच से किसी के मन की बात का पता नहीं लगाया जा सकता। हमले के बाद ओबामा प्रशासन के अधिक सीरियाई शरणार्थियों को पनाह देने की योजना पर असर पड़ सकता है।

    खुशहाल दुल्हन से बनी खूंखार हत्यारिन

    करीब डेढ़ साल पहले कैलिफोर्निया की एक मस्जिद में शादी के समारोह में ताशफीन मलिक खूबसूरत और खुश दुल्हन के रूप में सबको को आकर्षित कर रही थी। उस समारोह में शामिल लोग शुक्रवार को उसी मस्जिद में नमाज के दौरान मलिक की खूंखार हत्यारिन के रूप में पाकर हैरत में थे।

    नसीमा नीला ने शादी समारोह को याद करते हुए कहा कि वह उस रात बहुत खुश दिख रही थी। वह अंगे्रजी में बात कर रही थी और ज्यादातर अपने परिजनों से ही घिरी रही थी। उन्होंने बताया कि उसके बाद वह मलिक से कभी नहीं मिलीं। शादी समारोह में शामिल फारूक को जानने वाले कुछ लोगों ने कहा कि वे उसकी पत्नी से कभी नहीं मिले।