प्रकाश सिंह का सीएम मनोहर लाल पर पलटवार, कहा- उनकी नौकरी की मुझे नहीं जरूरत
पुलिस सुधार को लेकर नियुक्ति को लेकर दोबारा नियुक्ति मांगने के विवाद ने तूल पकड़ लिया है। पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने इस संबंध में हरियाणा के सीएम मनाेहरलाल के बयान को गलत बताया है।

चंडीगढ़, [वेब डेस्क]। राज्य में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान अधिकारियों की भूमिका की जांच करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह को लेकर मुख्यमंत्री मनोहरलाल के बयान ने तूल पकड़ लिया है। प्रकाश सिंह ने मुख्यमंत्री के बयान पर आश्चर्य जताया है। मनोहर लाल ने राज्य विधानसभा में कहा था कि प्रकाश सिंह हरियाणा सरकार से पुलिस सुधार कमेटी के नाम पर जबरदस्ती नियुक्ति लेना चाह रहे थे। प्रकाश सिंह ने कहा कि सीएम ऐसा कैसे कह सकते हैं। मैंने उनसे कोई नियुक्ति नहीं मांगी और न ही मुझे इसकी जरूरत है।
प्रकाश्ा सिंह ने शुक्रवार काे सीएम मनोहरलाल पर पलटवार किया। उन्हाेंने कहा, मुझे आश्चर्य है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने ऐसा बयान कैसे दिया। मैंने उनसे कभी कोई रोजगार या नियुक्ति नहीं मांगी। उनका इस तरह का बयान धक्का पहुंचाने वाला है। मुझे किसी की नौकरी की जरूरत नहीं है, मैं जनहित में काम करता हूं और आगे भी करता रहूंगा।
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इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रकाश सिंह के बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा, यह मामला अब खत्म हाे चुका हृै। जैसे मैंने अपनी बात रखी उसी तरह प्रकाश सिंह ने अपना पक्ष रखा है। अब इस मामले पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है।
बता दें कि प्रकाश सिंह द्वारा भाजपा सरकार के राजनीतिक दबाव में होने के आरोप लगाने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया था। उन्हाेंने राज्य विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान कहा था कि प्रकाश सिंह पुलिस सुधार पर रिपोर्ट देने के लिए कमेटी के नाम पर जबरदस्ती दोबारा नियुक्ति चाह रहे थे। लेकिन सरकार ने इन्कार कर दिया था। इसी वजह से वह सरकार पर किसी दबाव में होने के अनर्गल आरोप लगा रहे थे।
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कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डा. रघुबीर सिंह कादियान ने विधानसभा में यह मामला उठाते हुए कहा था कि प्रकाश सिंह ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैैं। उन्हें कोई नई रिपोर्ट भी देने से रोका जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमने प्रकाश सिंह से न तो कोई रिपोर्ट मांगी थी और न ही उन्हें देनी थी। प्रकाश सिंह खुद ही पुलिस सुधार पर अपनी रिपोर्ट देना चाहते थे। उन्हें उम्मीद थी कि सरकार इसके लिए उन्हें दोबारा से नई नियुक्ति दे देगी, पर हमने इन्कार कर दिया।

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