DELHI: नौनिहालों की गुमशुदगी में 47% का इजाफा, कटघरे में दिल्ली पुलिस
बच्चों की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट बच्चों की गुमशुदगी पर तल्ख टिप्पणी कर चुके हैं, बावजूद इसके गुमशुदगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गत वर्ष की तुलना में गुमशुदगी के मामलों में 47 फीसद बढ़ोतरी हुई है।
नई दिल्ली (संजीव कुमार मिश्र)। बच्चों की सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट बच्चों की गुमशुदगी पर तल्ख टिप्पणी कर चुके हैं, बावजूद इसके गुमशुदगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गत वर्ष की तुलना में गुमशुदगी के मामलों में 47 फीसद बढ़ोतरी हुई है।
सबसे ज्यादा बच्चे बाहरी दिल्ली से गायब हो रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता दीनानाथ चौहान ने बताया कि दिल्ली पुलिस के आंकड़ों की मानें तो गत वर्ष 27 जुलाई से इस वर्ष 27 जुलाई तक 3679 बच्चे गुम हुए हैं, जबकि इसी अवधि में 2013-14 में 1925 बच्चे गायब हुए थे।
बाहरी दिल्ली में सबसे ज्यादा बच्चों की गुमशुदगी के मामले सामने आए हैं,जबकि दूसरे व तीसरे नंबर पर क्रमश: उत्तरी-पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली हैं।
संवेदनशीलता की जरूरत
दीनानाथ चौहान ने कहा कि बच्चों की गुमशुदगी के मामलों में आमतौर पर पुलिस, बच्चा कहीं भाग गया होगा, आ जाएगा जैसी मानसिकता के साथ जांच शुरू करती है। पुलिस को गुमशुदगी के मामलों को संवेदनशीलता से लेना होगा। बच्चों के गुम होने की रिपोर्ट तत्काल दर्ज करनी चाहिए।
प्रत्येक थाने में बच्चों के मामलों की जांच के लिए अलग पुलिस बल होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट लापता बच्चों के मामलों को गंभीरता से लेते हुए पिछले एक साल में कई बार पुलिस की जांच पर सवाल उठा चुके हैं। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने ऑपरेशन मिलाप समेत कई सराहनीय कदम उठाए हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।