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    मडलकिया का जंगल भी देवी को समर्पित

    By Edited By:
    Updated: Sun, 06 May 2012 10:16 PM (IST)

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    नाचनी (डीडीहाट), निप्र : वन सम्पदा की रक्षा के लिए तहसील मुनस्यारी के मडलकिया के ग्रामीणों ने भी बांज, बुरांश, देवदार और सुरई के वृक्षों से आच्छादित जंगल न्याय की देवी कोटगाड़ी को चढ़ा दिया है। आने वाले पांच वर्षो के लिए जंगल की रक्षा अब कोटगाड़ी देवी करेंगी।

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    मुनस्यारी के तल्ला जोहार स्थित मडलकिया का जंगल देवदार और सुरई जैसे इमारती लकड़ी का होने के कारण माफियाओं की नजरों में रहता है। इसके अलावा शीतकाल में नामिक और हीरामणि ग्लेशियर क्षेत्र में भारी हिमपात होने पर कस्तूरा मृग सहित उच्च हिमालयी दुर्लभ वन्य प्राणी यहां पर शरण लेते हैं। जिस कारण इस जंगल में वन माफियाओं की सदैव नजर बनी रहती है और वह अवसर की ताक में रहते हैं। उनकी कुदृष्टि से जंगल को बचाने के लिए मडलकिया वन पंचायत द्वारा वन की सुरक्षा के लिए इसे न्याय की देवी कोटगाड़ी को चढ़ाने का निर्णय लिया गया।

    उक्त निर्णय के तहत वन पंचायत की एक बैठक हुई। जिसमें पांच वर्ष के लिए जंगल को देवी को चढ़ाने का स्टाम्प पेपर तैयार किया गया। स्टाम्प पेपर में स्पष्ट किया गया है कि जंगल की सूखी घास और लकड़ी ग्रामीण एकत्रित कर सकते हैं, परन्तु हरे वृक्षों और हरी घास पर पांच वर्षो के लिए किसी भी मानव का अधिकार नहीं रहेगा। स्टाम्प पेपर में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि अज्ञानवश यदि किसी व्यक्ति द्वारा जंगल के किसी वृक्ष पर कुल्हाड़ी चलाई गई तो देवी उसे माफ करे और जानबूझ कर कोई वृक्ष सहित वन्य प्राणियों पर हथियार चलाता है तो देवी उसे दंडित करे।

    वन सरपंच पूरन सिंह राणा, वन पंचायत सदस्य कमल किशोर, कुंती देवी, पार्वती देवी, बसंती देवी के संयुक्त हस्ताक्षरित स्टाम्प पेपर कोटगाड़ी मंदिर में रख दिया गया है।

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