तोसा मैदान पर सियासत शुरू
संवाद सहयोगी, श्रीनगर : तोसा मैदान मुद्दे पर अलगाववादियों की सियासत शुरू हो गई है। ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस उदारवादी गुट ने सरकार द्वारा तोसा मैदान की लीज की अवधि में संभावित वृद्धि की आशंका जताते हुए कहा कि यदि ऐसा किया गया तो इसके घातक परिणाम निकलेंगे। गुट ने मुद्दे को लेकर शनिवार 12 अप्रैल को कश्मीर बंद का आह्वान किया है। साथ ही चेताया कि यदि लीज में बढ़ोतरी की गई तो इसके खिलाफ जन आंदोलन छेड़ा जाएगा।
बुधवार को पत्रकारों से मीरवाइज उमर फारूक ने कहा कि तोसा मैदान लीज का समय खत्म होने वाला है, लेकिन सरकार ने चुप्पी साध रखी है। इससे यही संकेत मिलते हैं कि सरकार सेना से साठगांठ कर इसकी लीज बढ़ाने का फैसला किया है। यदि ऐसा किया गया तो जन आंदोलन छेड़ इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। फायरिंग रेंज होने के चलते तोसा मैदान से सटे इलाकों में अभी तक दर्जनों लोग मारे गए हैं, जबकि सैकड़ों शैल लगने से अपंग हो गए हैं। इसके बावजूद सरकार इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह केंद्र व राज्य सरकार की मिलीजुली साजिश है। इसके तहत घाटी के पर्यटन स्थलों को लीज की आड़ में सेना के हवाले कर दिया जाता है ताकि केंद्र यहां अपना कब्जा जमाए रखे। हम ऐसी साजिशों को कभी कामयाब नहीं होने देंगे।
गौरतलब है कि बडगाम जिले में स्थित तोसा मैदान को राज्य सरकार ने एक समझौते के तहत वर्ष 1964 में सेना को 50 वर्षो तक के लिए लीज पर दे दिया था। अब यह लीज 16 अप्रैल 2014 को खत्म होने जा रही है। स्थानीय लोगों की लंबित मांग है कि सेना को अब यह मैदान लीज पर न दिया जाए क्योंकि इससे न केवल उनकी जानों को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि उनके खेत खलिहान भी सेना के प्रतिदिन के फायरिंग अभ्यास से प्रभावित हो गए हैं।