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दर्दे दिल की दवा है बुरांश का जूस

By Edited By: Published: Tue, 02 Apr 2013 06:04 PM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2013 08:09 AM (IST)
दर्दे दिल की दवा है बुरांश का जूस

जागरण प्रतिनिधि, उत्तरकाशी: इन दिनों पहाड़ बुरांश के फूल की रंगत से दमक रहा है। खूबसूरत होने के साथ यह फूल औषधीय महत्व वाला भी है। इसके जूस का सेवन ह्दय संबंधी बीमारियों से बचा ही सकता है साथ ही शरीर में खून की कमी और लीवर संबंधी बीमारियों के लिए भी यह काफी फायदेमंद है।

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प्रकृति का खजाना वैसे तो अनमोल है ही पर बुरांश का फूल कई मायनों में विशेष है। इसके फूल से बना जूस ह्दय संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए किसी रामवाण से कम नहीं है। इसके अलावा यह हाई ब्लड प्रेशर में भी यह अचूक दवा है। जिला मुख्यालय में भी इन दिनों लोग बुरांश के जूस में रुचि ले रहे हैं। यहां हर दिन सौ लीटर से भी ज्यादा जूस निकाला जा रहा है। इसके एवज में फूल उपलब्ध कराने वालों को भी चालीस से पचास रुपये का भुगतान किया जाता है।

बुरांश के जूस में पोली फैटी एसिड अधिक मात्रा में पाया जाता है जिसके चलते यह शरीर में कॉलेस्ट्रॉल नहीं बनने देता है। जो ह्दय संबंधी बीमारियां का खतरा काफी कम हो कर देता है। जिला मुख्यालय पर जूस बनाने के काम पर लगे डीआर उनियाल बताते हैं कि बुरांश के जूस की मांग काफी ज्यादा है, इसके सापेक्ष फूलों की आपूर्ति काफी कम है। उनका कहना है कि ग्रामीण फूलों का व्यवस्थित तरीके से दोहन करें तो हर रोज सात से आठ सौ लीटर बुरांश का जूस उपलब्ध हो सकता है।

ये फायदे हैं बुरांश के जूस के

-ह्दय रोग से बचाव, उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) में फायदेमंद, लीवर संबंधी रोग के लिए दवा, हिमोग्लोबीन की कमी पूरी करता है, लौह तत्वों का संपूर्ण पोषक, शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि, शरीर में एंटी ऑक्सिडेंट की पूर्ति।

पंद्रह प्रजातियां मिलती है पहाड़ों में

उत्तरकाशी : बुरांश की उत्तराखंड राज्य में दस पंद्रह प्रजातियां जंगलों में मिलती है लेकिन इसमें से सर्वाधिक लाल बुरांश का प्रयोग किया जाता है। साथ जंगलों में पाया जाने वाला सफेद बुरांश जहरीला होता है जिसके चलते यह आम लोगों के लिए बेहद खतरनाक साबित होता है।

बुरांश से बने जूस में प्यूफा की मात्रा ज्यादा होने से यह ह्दय संबंधी विकारों के लिए बेहद फायदेमंद है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा होता है। डॉ. जीके ढिंगरा, प्रोफेसर, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी।

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