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    कलमाड़ी का खेल खत्म

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    Updated: Tue, 02 Jul 2013 04:16 AM (IST)

    दागी सुरेश कलमाड़ी की एशियाई एथलेटिक्स संघ (एएए) में पिछले 13 वर्षो से चली आ रही सत्ता अध्यक्ष पद के चुनावों में करीबी हार के साथ ही समाप्त हो गई।

    पुणे। दागी सुरेश कलमाड़ी की एशियाई एथलेटिक्स संघ (एएए) में पिछले 13 वर्षो से चली आ रही सत्ता अध्यक्ष पद के चुनावों में करीबी हार के साथ ही समाप्त हो गई।

    राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में कथित तौर पर शामिल होने के कारण दस महीने की जेल की सजा भुगतने के बाद जमानत पर चल रहे कलमाड़ी पुणे के पांच सितारा होटल में हुई एएए की कांग्रेस (बैठक) के अंतिम दिन हुए चुनावों में कतर के दहलान जुमां अल हमद से 18-20 के अंतर से हार गए।

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    एएए में शामिल 45 देशों ने अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स संघों के महासंघ (आइएएएफ) के अध्यक्ष लैमाइन डियाक की उपस्थिति में गुप्त मतदान किया। सात मत अवैध घोष्ति किए गए। प्रत्येक देश का एक मत होता है। हालांकि भारतीय ओलंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष कलमाड़ी 2015 तक आइएएएफ परिषद के सदस्य बने रहेंगे लेकिन वह महाद्वीपीय संस्था के क्षेत्रीय प्रतिनिधि नहीं रहेंगे।

    यह हार एक तरह से कांग्रेस के 69 वर्षीय सांसद के खेल प्रशासक के रूप में करियर का अंत है। पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों के घोटाले में कथित भूमिका के कारण कलमाड़ी के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था और उन्हें जेल की सजा भुगतनी पड़ी थी। इसके बाद वह देश की खेल संस्थाओं से हट गए थे। कतर एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष अल हमद अब तक एएए के सीनियर उपाध्यक्ष भी थे। वह आइएएएफ के भी उपाध्यक्ष हैं। अल हमद चार साल के बजाय केवल दो साल तक अपने पद पर रहेंगे क्योंकि एएए 2015 से अध्यक्ष के कार्यकाल के चक्र को आइएएएफ के समान बनाना चाहता है। इससे भविष्य में एएए और आइएएएफ अध्यक्ष का चुनाव एक ही साल में हो सकेगा। आइएएएफ अध्यक्ष का चुनाव 2015 में होगा और इसके बाद और उसी साल एएए का नया अध्यक्ष भी चुना जाएगा जिसका कार्यकाल चार साल होगा।

    कलमाड़ी की चुनावों में हार उनके लिए बहुत बड़ी निराशा है क्योंकि एएए कांग्रेस उनके गृहनगर में आयोजित की जा रही थी। वह इस क्षेत्र से सांसद हैं और यहां तीन जुलाई से एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप का भी आयोजन हो रहा है। यहां एक तरह से 13 साल पुराना इतिहास ही दोहराया गया। कलमाड़ी ने 2000 में जकार्ता में अध्यक्ष के चुनावों में इंडोनेशिया के तत्कालीन अध्यक्ष बाब हसन को करीबी अंतर से हराया था। इसके बाद कलमाड़ी तीन बार निर्विरोध अध्यक्ष बने थे। स्वभाविक है कि कलमाड़ी इससे निराश है और उनके गुट का मानना है कि अवैध मतों ने अल हमद की जीत में अहम भूमिका निभाई। कुछ रिपोर्टो में कहा गया है कि राष्ट्रमंडल खेलों में घोटाले के कारण उन्हें एएए प्रमुख के पद पर बनाए रखने को लेकर कुछ सदस्य असहज महसूस कर रहे थे।

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