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खेल मंत्रालय चाहता है ध्यानचंद को मिले भारत रत्न

नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के लिए महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम की सिफारिश की है। इससे पहले दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को यह पुरस्कार दिए जाने की मांग काफी प्रबल थी। खेल सचिव पीके देब ने कहा कि भारत रत्न के लिए ध्यानचंद के नाम की सिफारिश का पत्र पहले ही प्रधानमंत्री को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा, 'इस सर्वोच्च सम्मान के लिए मंत्रलय ने सिर्फ ध्यानचंद के नाम की सिफारिश की है।' प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजी गई इस सिफारिश का आगे अध्ययन किया जाएगा जिसके बाद इसे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

By Edited By: Published: Fri, 19 Jul 2013 03:30 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2013 10:36 PM (IST)

नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के लिए महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम की सिफारिश की है। इससे पहले दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को यह पुरस्कार दिए जाने की मांग काफी प्रबल थी। खेल सचिव पीके देब ने कहा कि भारत रत्न के लिए ध्यानचंद के नाम की सिफारिश का पत्र पहले ही प्रधानमंत्री को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा, 'इस सर्वोच्च सम्मान के लिए मंत्रलय ने सिर्फ ध्यानचंद के नाम की सिफारिश की है।' प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजी गई इस सिफारिश का आगे अध्ययन किया जाएगा जिसके बाद इसे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

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ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार की अगुआई में छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 12 जुलाई को खेल मंत्री जितेंद्र सिंह से मिला था। इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान बिशन सिंह बेदी और ध्यानचंद के पोते गौरव सिंह भी शामिल थे। अशोक कुमार ने कहा, 'यह पुरस्कार मिले या नहीं, हमारे परिवार के लिए यही सम्मान की बात है कि खेल मंत्रालय ने भारत रत्न के लिए उनके नाम की सिफारिश की है। खेल मंत्री ने कहा है कि वह अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश करेंगे कि इस सम्मान के लिए ध्यानचंद के नाम पर विचार किया जाए। हमें उम्मीद है कि इस साल उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न मिल जाएगा।'

ध्यानचंद ने भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रहते हुए ओलंपिक में तीन स्वर्ण पदक जीते। वह 1928 में एम्सटर्डम, 1932 में लॉस एंजिल्स और 1936 में बर्लिन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। उनका 1979 में निधन हुआ। सरकार ने 2011 में संसद के 82 सदस्यों की मांग ठुकरा दी थी जिन्होंने भारत रत्न के लिए ध्यानचंद के नाम की सिफारिश की थी। खेल मंत्रालय ने हालांकि जनवरी 2012 में स्वयं ध्यानचंद के अलावा ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और पर्वतारोही तेनजिंग नोर्गे के नाम की सिफारिश की थी। तेंदुलकर का नाम नहीं भेजा गया क्योंकि बीसीसीआइ ने उनके नाम की सिफारिश नहीं की।

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