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    पुरुषों से पिटने में गर्व महसूस करती हैं यहां की महिलाएं

    By Babita KashyapEdited By:
    Updated: Sat, 01 Apr 2017 09:15 AM (IST)

    महिलाओं को मारने के लिए पुरुषों का एक संगठन होता है जिसे 'माजा' कहते हैं। इस पूरे घटनाक्रम में कोई भी महिला भागती नहीं है।

    पुरुषों से पिटने में गर्व महसूस करती हैं यहां की महिलाएं

    दुनिया में तरह-तरह की मान्यताएं और सभ्यताएं हैं। खासतौर पर जब आदिवासी क्षेत्रों से जुड़ी रस्मों-रिवाजों की बात करते हैं तो यहां कई रोचक बातें निकलकर सामने आती हैं। इसी कड़ी में आज बात करते हैं इथोपिया की ऐसी जनजाति की, जहां महिलाएं पिटने पर करती हैं गर्व का अनुभव....

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    काफी अलग हैं परंपराएं

    एक फ्रेंच फोटोग्राफर एरिक लैफोर्ग ने इथोपिया की हमर जनजाति को अपनी तस्वीरों में कैद किया है। एरिक की मानें तो हमर जनजाति के लोग काफी अलग हैं, इनकी परंपराएं और रीति-रिवाज काफी हैरान करने वाले हैं। एरिक ने पूरा इथोपिया घूमा और हमर जनजाति के रहन-सहन और उनकी पसंद-नापसंद की जानकारी इकठ्ठा की। इथोपिया की यह हमर जनजाति तेजी से विलुप्त हो रही है। ऐसे में अगर एरिक ने इनकी कुछ रोचक तस्वीरें कैमरे में कैद की।

    मार खाती हैं महिलाएं

    एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, हमर जाति के लोग कैटल जंपिंग सेरेमनी मानते हैं। यानी कि इस समारोह में 15 गायों को एक साथ खड़ा कर दिया जाता है और एक नवयुवक इसको कूदते हुए पार करता है। यदि कोई लड़का इसमें फेल हो गया तो उसकी शादी नहीं होती साथ ही औरतों का एक समूह उसे जमकर पीटता है। इसके बाद इस लड़के के घर की सभी औरतों को पीटा जाता है। यह पिटाई तब तक होती है जब तक इनके खून न निकल आए। महिलाओं को मारने के लिए पुरुषों का एक संगठन होता है जिसे 'माजा' कहते हैं। इस पूरे घटनाक्रम में कोई भी महिला भागती नहीं है। यही नहीं जो महिलाएं मार खाने से बच जाती हैं वह माजा समूह से मार खाने की विनती करती हैं।

    मार खाने से मिलती है हिम्मत

    वैसे यह मार खाने वाली रस्म सिर्फ समारोह तक सीमित नहीं है। इन महिलाओं को तब तक मारा जाता है जब तक उनके दो बच्चे न हो जाएं। हमर जाति के लोग इसे गलत नहीं मानते हैं। महिलाओं का कहना है कि मार खाने से उनको हिम्मत मिलती है और साथ ही वह मजबूती से आगे आकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकती हैं।

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