यहां शराब के नशे में झूमती हैं फसलें लगातार बढ़ रही है पैदावार
जयपुर के शेखावटी गांव में किसान अपनी फसलों का रोगों से बचाने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग कि जगह देशी या अंगे्रजी शराब का छिड़काव कर रहे हैं।
भारत एक कृषि प्रधान देश हैं जहां आज भी काफी संख्या में लोग खेती करते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि खेती करने वाले ये किसान अब फसलों में शराब का प्रयोग कर रहे हैं। आइये आपको बताते हैं आखिर क्या है ये मामला।
जी हां, जयपुर के शेखावटी गांव में किसान अपनी फसलों का रोगों से बचाने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग कि जगह देशी या अंगे्रजी शराब का छिड़काव कर रहे हैं। इसके दो कारण है एक तो कीटनाशकों का मूल्य बहुत ज्यादा बढ़ गया है, जिसके कारण किसान उनको खरीद नहीं पा रहें हैं और दूसरे शराब का प्रयोग करने पर फसल की ग्रोथ अच्छी हो रही है, जिससे किसानों को अधिक पैदावार मिल रही है। हालांकि कृषि वैज्ञानिक इस प्रकार की किसी भी साइंटिफिक रिसर्च से मनाही ही कर रहें हैं, पर किसानों का तर्क है कि इससे पैदावार अच्छी हो रही है।
किसानों का कहना की महज 25-30 एमएल शराब आधे बीघा खेत में छिड़कने के लिए पर्याप्त होती है। अधिकतर किसान 11 लीटर और 16 लीटर की स्प्रे मशीन में 100 एमएल तक देसी और अंग्रेजी शराब डालकर छिड़काव कर रहे हैं। जो की किसी भी प्रकार के कीटनाशक से कहीं कम बैठती है और पैदावार भी ज्यादा देती है। जयपुर के अलावा झुंझुनू और सीकर के किसान भी देशी और अंग्रेजी शराब का प्रयोग अपने खेतों में कर रहें हैं।
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