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'लाल शहद' इसके आगे शराब का नशा भी कुछ नहीं, दुनिया भर में है इसकी डिमांड

आपने अपने घर के आसपास पेड़ों पर मधुमक्खियों के छत्ते तो जरूर देखे होंगे। इन छत्तों से शहद निकलता है। यह शहद कई बीमारियों में बहुत कारगर है। आयुर्वेद में शहद को अमृत के समान बताया..

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sat, 03 Sep 2016 02:58 PM (IST)Updated: Sat, 03 Sep 2016 03:21 PM (IST)
'लाल शहद' इसके आगे शराब का नशा भी कुछ नहीं, दुनिया भर में है इसकी डिमांड

शहद, स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। हर रोज शहद के सेवन से कई बीमारियां दूर होती हैं। लेकिन हिमालयन क्लिफ मधुमक्खियों का ये शहद किसी नशे से कम नहीं। ये मधुमक्खियां विश्व की सबसे बड़ी मधुमक्खियां हैं। ये जहरीले फलों से रस इकट्ठा करती हैं। इनके शहद को 'लाल शहद' कहते हैं। बेहद नशीला होने के साथ इस शहद में कई औषधीय गुण भी होते हैं।

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और इसीलिए इस शहद की दुनियाभर में मांग है। इसके साथ ही एक बात जान लेना बहुत जरूरी है कि इस शहद को निकालना किसी खतरे से कम नहीं है। इस शहद के फायदे भी बहुत हैं, ये शहद सेक्स की इच्छा को भी बढ़ाता है। ये शहद नेपाल के एक दूर-दराज इलाकों में पाया जाता है।

इसे Gurung ट्राइब के लोग बड़ी जद्दोजहद के बाद निकालते हैं। इस शहद की लो​कप्रियता पूरी दुनिया में है। ये डायबिटीज, हाई ब्लडप्रेशर और यौन शक्ति के लिए फायदेमंद होता है। ये शहद अपने फायदे से ज्यादा अपने नशीलेपन की वजह से डिमांड में रहता है।

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इसका नशा एब्सिन्थे की तरह होता है। एब्सिन्थे एक नशीला पेय पदार्थ है जो कई देशों में बैन है। एक और बात ध्यान देने योग्य है कि इसके अधिक सेवन से दिल की बीमारी बढ़ जाती है। इस शहद को निकालने वाले बेहद जोखिम उठा कर ये काम करते हैं। पहले ये लोग एक रस्सी के सहारे कई फीट ऊंची खड़ी चढ़ान पर चढ़ते हैं, इसके बाद धुएं से मधुमक्खियों को भगाते हैं इसके साथ ही गुस्साई मधुमक्खियों के डंक को भी झेलते हैं और तीन दिन तक लगातार शहद इकट्ठा करते हैं जो इस शहद को बेहद खास और बेहद खतरनाक बनाता है।

यहां हर साल लगभग 20-50 गैलन शहद निकलता है। इसलिए यहां पर बाहर के लोग शहद खरीदने आते हैं इतना ही नहीं कई लोग तो हंटर्स को बेमौसम शहद निकालने के लिए पैसे भी देते हैं जिसका सीधा असर हमारे ईकोसिस्टम पर पड़ता है।

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