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सौ साल बाद लौटाई स्कूल लाईब्रेरी को किताब

उस स्कूल का लाईब्रेरियन तब स्तब्ध रह गया जब एक किताब अपने जारी करने की तिथि से 100 साल बाद लौटाई गई। यह किताब ब्रिटेन के शहर नॉर्थम्बरलैंड के एक स्कूल से 20 अक्टूबर 1914 को जारी करवाई गई थी।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 29 Nov 2014 01:24 PM (IST)Updated: Sat, 29 Nov 2014 01:30 PM (IST)
सौ साल बाद लौटाई स्कूल लाईब्रेरी को किताब

उस स्कूल का लाईब्रेरियन तब स्तब्ध रह गया जब एक किताब अपने जारी करने की तिथि से 100 साल बाद लौटाई गई। यह किताब ब्रिटेन के शहर नॉर्थम्बरलैंड के एक स्कूल से 20 अक्टूबर 1914 को जारी करवाई गई थी। किताब जारी कराने वाले एलबर्ट चैंबर ने मॉरपेठ ग्रामर स्कूल को बिना यह किताब वापस किए ही छोड़ दिया था।

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कुछ ही दिन पहले एलबर्ट चैंबर के पोते इयान ब्लेनकिनसॉप को यह किताब अपनी मां के कमरे की अटारी में धूल खाते हुए मिली थी। इयान ने इस किताब को देरी से वापस करने के लिए एक क्षमा पत्र के साथ इसे वापस स्कूल को पोस्ट कर दिया। अपने क्षमा पत्र में इयान ने यह भी जोड़ा कि उन्हें उम्मीद है कि किताब देर से जमा करने के कारण लगने वाले आर्थिक दंड को उन पर नहीं लगाया जाएगा।

किताब जारी करते समय इस पर 12 पाउंड प्रतिदिन का लेट फाईन लगाया गया था और इस हिसाब से 100 साल में इस किताब पर 4,380 पाउंड का लेट फाइन देय था। स्कूल के हेडमास्टर मार्क सिम्पसन ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, 100 साल बाद हम इस किताब को वापस पाकर हैरान हैं, किताब बेहद अच्छी स्थिति में है और हमने यह तय किया है कि स्कूल लाईब्रेरी इस किताब के लिए इयान से किसी भी प्रकार का फाइन नहीं लेगी।


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