कुतिया की मौत पर 500 लोगों को भोज
जानवरों के शौकीन लोग अपने पालतू जानवर से बहुत प्रेम करते हैं और उन्हें अपने घर के सदस्य की तरह ही मानते हैं। जी हां, जर्मन शैफर्ड नस्ल की एक कुतिया के प्रति एक परिवार का लगाव इन दिनों काफी चर्चा में है। हुआ यूं कि एक परिवार ने एक
जानवरों के शौकीन लोग अपने पालतू जानवर से बहुत प्रेम करते हैं और उन्हें अपने घर के सदस्य की तरह ही मानते हैं।
जी हां, जर्मन शैफर्ड नस्ल की एक कुतिया के प्रति एक परिवार का लगाव इन दिनों काफी चर्चा में है। हुआ यूं कि एक परिवार ने एक कुतिया को बहुत प्यार से पाला। अचानक कुतिया बीमार होकर लकवाग्रस्त हो गयी। इस परिवार ने कुतिया की बहुत सेवा की जब इस पालतू पशु की मौत हो गयी, तो इस परिवार ने पूरे विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार किया, बल्कि करीब 500 लोगों को मृत्यु भोज भी कराया।
शहर के रक्मिणी नगर में रहने वाले पप्पू चौहान ने बताया, मेरे दो बेटे हैं। मैंने और मेरी पत्नी ने पालतू कुतिया पिकी को अपनी बेटी की तरह माना, क्योंकि वह हमारे परिवार से काफी घुल-मिल गयी थी। लकवे की बीमारी से करीब सात महीने तक पीडि़त रहने के बाद उसकी मौत हो गयी। हमने हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार पिकी का अंतिम संस्कार किया। अंतिम संस्कार के वक्त मेरे बेटे ने मुंडन भी कराया। पिकी की मौत के तेरहवें दिन हमने करीब 500 लोगों को भोजन कराया। भोजन से पहले लोगों ने उसकी तस्वीर पर फूल चढाये।
पप्पू चौहान का कहना है कि उसकी मृत्यु के बाद हमारा घर काफी सूना हो गया है।