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    याकूब को उम्मीद थी राष्ट्रपति रोक देंगे फांसी

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Thu, 30 Jul 2015 10:35 PM (IST)

    फांसी पर लटकाए गए मुंबई धमाके के दोषी याकूब मेमन की आखिरी रात बेचैनी भरी रही। नागपुर सेंट्रल जेल के सूत्रों के अनुसार मौत के खौफ से सहमा याकूब पूरी रात सो नहीं सका।

    विनय दलवी (मिड-डे), मुंबई । फांसी पर लटकाए गए मुंबई धमाके के दोषी याकूब मेमन की आखिरी रात बेचैनी भरी रही। नागपुर सेंट्रल जेल के सूत्रों के अनुसार मौत के खौफ से सहमा याकूब पूरी रात सो नहीं सका। उसने अपनी जिंदगी की आखिरी रात काल कोठरी में चहलकदमी करते हुए गुजारी। वैसे याकूब को उम्मीद थी कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी उसकी तय फांसी को अंतिम क्षण में रोक सकते हैं।

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    वकील ने बताई मनोदशा

    बुधवार शाम को नागपुर जेल में याकूब से मिले उसके वकील अनिल गेदाम ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से अर्जी खारिज होने की बात सुनकर वह बहुत बेचैन हो गया, लेकिन फिर भी उसे राष्ट्रपति के समक्ष दाखिल अपनी आखिरी दया याचिका को लेकर काफी उम्मीद थी। उसने हमसे कहा कि उसकी दया याचिका अभी भी राष्ट्रपति के समक्ष लंबित है। वह इसे स्वीकार कर लेंगे। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद गेदाम याकूब के भाई सुलेमान और उस्मान के साथ जेल में उससे मुलाकात करने गए थे। उन्होंने ही याकूब को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने डेथ वारंट पर सवालिया निशान लगाने वाली हमारी आखिरी अपील को ठुकरा दिया है।

    कहा, कुछ भी गलत नहीं किया

    गेदाम के अनुसार, 'मुलाकात के दौरान याकूब बार-बार कह रहा था कि अपने भाइयों के पाप के लिए उसे फांसी पर लटका दिया जाएगा। उसने कुछ भी गलत नहीं किया है।' इसके अलावा याकूब ने संपत्ति संबंधी कुछ कागजात पर भी हस्ताक्षर कर अपने परिजनों को सौंपा।