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    प्रदर्शनकारियों की मांगों को पहले ही मान लिया गया है: खट्टर

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Sat, 20 Feb 2016 02:47 PM (IST)

    हरियाणा के डीजीपी ने जाट आरक्षण की आग में जल रहे हरियाणा में स्थिति जल्द सामान्य होने की उम्मीद जताई है। इसके लिए उन्होंने राज्य के वरिष्ठ नागरिकों से भी सहयोग मांगा है। डीजीपी ने बताया है कि कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा जबरन बंद करवाए गए मार्गों को दोबारा

    चंडीगढ़। जाट आरक्षण को लेकर आंदोलन कर रहे जाटों के तेवर और कड़े हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को कई जगहों पर आगजनी और लूटपाट की है। कुछ जगहों पर सेना फ्लैग मार्च कर रही है। राज्य के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर ने आंदोलन कर रहे युवाओं से अपील की है कि वह हिंसा का रास्ता छोड़ दें शांति बनाए रखने में सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि इस तरह की हिंसा से कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उनका कहना था कि वह पहले ही कह चुके हैं प्रदर्शनकारियों की मांगों को माान लिया गया है।

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    राज्य में शांति स्थापित करने के लिए केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान ने प्रदर्शनकारियों से अपने घरों को वापस चले जाने की अपील की है। वहीं डीजीपी वाईपी सिंघल ने उम्मीद जताई है कि राज्य में जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। उन्होंने मामले को शांत करने के लिए राज्य के वरिषठ नागरिकों से सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने अपील की है कि राज्य के वरिष्ठ नागरिक आंदोलन से जुड़े युवाओं को हिंसा फैलाने से रोकें।

    प्रेस को इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान जिनके ऊपर भी केस दर्ज किए गए हैं उनपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि भाजपा सांसद राजकुमार सैनी के घर पर भी कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया था। लेकिन समय रहते पुलिस वहां पर पहुंच गई और प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस की सबसे बड़ी प्राथमिकता मामले को शांत कर स्थिति को सामान्य बनाना है। इसके अलावा आंदोलनकारियों ने आईजी के घर को भी निशाना बनाकर पथराव किया और मेनगेट को आग के हवाले कर दिया।

    जाट आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों से राजनाथ की शांति बनाए रखने की अपील

    डीजीपी ने बताया है कि कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा जबरन बंद करवाए गए मार्गों को दोबारा खुलवा दिया गया है। सेना के साथ पुलिन भी प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च कर रही है। आंदोलन से प्रभावित इलाकों में शांति स्थापित करने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की दस कंपनियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा 23 अतिरिक्त कंपनियों को भी बुलाया गया है।

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