विश्व योग दिवस : योग और रामदेव का योगदान
योग को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए भारत की पहल उल्लेखनीय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों ने योग को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया। भारत के प् ...और पढ़ें

योग को विश्व स्तरीय पहचान दिलाने के लिए भारत की पहल उल्लेखनीय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों ने योग को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया। भारत के प्रस्ताव कि योग से किस तरह से अपने शरीर को उर्जावान व स्वस्थय रखा जा सकता है। इसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी माना। योग को लेकर यूएन में मोदी के प्रस्ताव का 117 देशों ने समर्थन किया। अंतत संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने का एलान किया।
भारत में योग की बात बाबा रामदेव के बिना अधूरी है। रामदेव ने योग को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक स्तर पर काम किया है। योग और योगासन से जुड़ी बारिकियों को जन जन तक पहुंचाने में रामदेव ने उल्लेखनीय प्रयास किए। उन्होंने भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अलग अलग हिस्सों में योग पहुंचाया। अपने कैंपों के जरिए असाध्य रोगों से बचने के लिए योग के अचूक गुण बताए। रामदेव ने पतंजलि संस्थान की स्थापना की। साथ ही हरिद्वार में उन्होंने योग से चिकित्सा भी शुरू की ।
'राम कृष्ण यादव' से रामदेव तक
रामदेव का जन्म हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले में हुआ था। उनका मूल नाम राम कृष्ण यादव है। आज लोग उन्हें रामदेव का नाम से जानते हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा गुरुकुल में हुई। इस दौरान उन्होंने योग और संस्कृत की शिक्षा ली। योग के प्रति उनकी गहरी रुचि थी। हरियाणा के गांवों में वह लोगों को योग और उससे जुड़े आसन के बारे में बताया करते थे।
रामदेव ने 1995 में दिव्य योग ट्रस्ट की स्थापना की। योग की लोकप्रियता लोगों के बीच उस वक्त और बढ़ी जब सेटेलाइट चैनल के माध्यम से योग घर घर पहुंचने लगा। योग के प्रति जागरुकता इस स्तर तक बढ़ी कि लोगों ने सुबह तड़के योग करना अपने जीवन का अंग बना लिया। इस तरह से रामदेव लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गए।
रामदेव के योग को आम जन से लेकर बड़ी हस्तियों ने अपनाया। बॉलीवुड के कई कलाकारों ने योगासन को लेकर कई कार्यक्रम का निर्माण किया।
रामदेव द्वारा स्थापित पतंजलि योग पीठ में दुनिया के कोने-कोने से गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों का सफल इलाज किया जाता है। रामदेव से जब पूछा गया कि उन्हें योगा के संबंध में इतनी बारीक जानकारी कैसे हुई। रामदेव ने बताया कि इन आसनों के बारीकियों को समझने में उन्हें तकरीबन 20 साल लगे।
योग गुरु के नाम से प्रसिद्ध रामदेव ने कहा कि योग सिखाने वाले बहुत हैं। मैं उनकी आलोचना नहीं करता लेकिन आसन को सिखाने के लिए सरलतम विधि अपनानी चाहिए। मैंने आसनों को जनसामान्य तक पहुंचाने के लिए उन्हें दैनिक जीवन में किए जाने वाले कार्यों से जोड़ा और उन्हें बताया। आज मैं कह सकता हूं कि भारत में योग के बेहतरीन प्रशिक्षक हैं।

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