यूपी में मुस्लिमों के दिलों पर राज करना योगी के लिए होगी सबसे बड़ी चुनौती
योगी आदित्यनाथ को यूपी के सीएम के तौर पर संघ और भाजपा के मिशन 2019 के लिए काम करना होगा। साथ ही मुस्लिमों के दिलों पर राज करना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
नई दिल्ली (कमल कान्त वर्मा)। उत्तर प्रदेश में सूबे के मुखिया के तौर पर योगी आदित्यनाथ की राहें इतनी आसान नहीं होंगी। वह भी तब जबकि राज्य की जनता की बड़ा उलटफेर करते हुए भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड जीत दिलाई है। इसमें मुस्लिम समुदाय का भी बड़ा हिस्सा शामिल है, जिसने पीएम मोदी की बातों और इरादों पर भरोसा करते हुए अप्रत्याशित रूप से भाजपा का साथ दिया है। वहीं दूसरी ओर योगी की छवि एक कट्टरवादी हिंदु विचारधारा की रही है, लिहाजा यह छवि भी उनके लिए रोड़ा बन सकती है। लेकिन इन सभी के बावजूद यदि योगी सूबे के मुस्लिम समुदाय के दिलों पर राज करने में कामयाब हो सके तो यह उनके लिए सबसे बड़ी कामयाबी होगी और यही उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती भी है। इसके अलावा सूबे के मुखिया के तौर पर भाजपा के सभी का साथ सभी का विकास जैसे नारे को चरितार्थ करना योगी के लिए काफी जरूरी होगा।
तोड़नी होगी कट्टरवादी छवि
योगी के लिए ऐसा करना इसलिए भी जरूरी होगा क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के लिए मिशन 2019 सामने है। योगी के किए हर काम और कही हर बात का असर भाजपा और संघ के इस मिशन पर गहरा प्रभाव डालेगा। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को सूबे के बड़े मुस्लिम इलाकों में जबरदस्त समर्थन मिला है। इसको कायम रखना योगी के लिए काफी अहम होगा। योगी की कट्टरवादी छवि और उनकी कट्टरवादी बयानों से फिलहाल यूपी के एक समुदाय विशेष के मन में कुछ डामाडोल की स्थिति होनी स्वाभाविक है।
कट्टरवादी बयानों से बचना होगा
योगी के लिए यह जरूरी होगा कि वह अपने कट्टरवादी बयानों को कहने से बचे रहें, क्योंकि वह अब एक जिले के सांसद नहीं, अपितु एक सूबे के मुुखिया हैं, जहां सभी धर्म के लोग रहते हैं। लिहाजा यह जरूरी होगा कि वह उन तमाम लोगों के हितों के लिए काम करें। साथ ही जिस सोच और बदलाव को लेकर मुस्लिम समुदाय ने भाजपा का हाथ थामा है उसको जमीनी हकीकत बनाने का अमली जामा पहनाएं। अपनी कट्टरवादी छवि को तोड़कर योगी को अब सभी का प्रिय बनना होगा, जिसके लिए दिन-रात एक करना होगा।
अपने पक्ष में बनाए रखना जरूरी
यूपी में भाजपा की इस जीत में केंद्र की दो योजनाओं ने सबसे बड़ी भूमिका अदा की है। इनमें उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत मिशन के साथ-साथ ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर मिला भाजपा का साथ है। इन दो योजनाओं और एक मुद्दे ने यूपी की सत्ता पर भाजपा को काबिज किया है। इसमें मुस्लिम समुदाय में ट्रिपल तलाक का मुद्दा सबसे अहम है, जिसपर अधिकतर मुस्लिम महिलाएं भाजपा की पक्षधर हैं। यह वही महिलाएं हैं जिन्होंने भाजपा के हक में अपना बेशकिमती वोट डाला है।
भाजपा की सोच साफ
ट्रिपल तलाके के मुद्दे पर भाजपा अपनी सोच को पहले ही साफ कर चुकी है। इसके अलावा आरएसएस के सिग्नेचर कैंपेन को भी मुस्लिम समुदाय खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं का जबरदस्त समर्थन मिला है। लिहाजा योगी के लिए इस मुद्दे पर मिले मुस्लिम महिलाओं के समर्थन को अपने हक में बनाए रखना बेहद जरूरी होगा।
अयोध्या का मुद्दा
योगी ही नहीं बल्कि समस्त भाजपा के नेता अयोध्या के मुद्दे पर हमेशा से ही एक कट्टरवादी सोच को सभी के समक्ष रखते रहे हैं। अब जबकि केंद्र और राज्य में भाजपा की बहुमत की सरकार मौजूद है, तो एक बार फिर से अयोध्या का मुद्दा ठंडे बस्ते से जरूर निकलेगा। इसको लेकर योगी आदित्यनाथ की कड़ा इम्तिहान अब होगा। राम लला का मंदिर या फिर मस्जिद इसको लेकर फिर सवाल खड़े जरूर होंगे। यहां पर न सिर्फ योगी बल्कि केंद्र का भी इम्तिहान होना अभी बाकी है।
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