बांग्लादेश सीमा के खाली हिस्से पर कांटेदार बाड़ लगाने में देरी क्यों? ममता सरकार पर कलकत्ता हाईकोर्ट सख्त
कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को बंगाल सरकार को बांग्लादेश के साथ राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर कांटेदार बाड़ लगाने के मुद्दे पर अपनी ट ...और पढ़ें

बांग्लादेश सीमा के खाली हिस्से पर कांटेदार बाड़ लगाने में देरी क्यों? कलकत्ता हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने गुरुवार को बंगाल सरकार को बांग्लादेश के साथ राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर कांटेदार बाड़ लगाने के मुद्दे पर अपनी टिप्पणियों का विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जहां अभी तक बाड़ नहीं लगी है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजय पाल और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी सेन की पीठ ने बंगाल सरकार को मामले की सुनवाई के लिए निर्धारित अगली तारीख 22 दिसंबर तक हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा।
कोर्ट यह निर्देश बंगाल में बांग्लादेश के साथ बिना बाड़ वाली अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तत्काल कांटेदार बाड़ लगाने की मांग वाली जनहित याचिका की सुनवाई के बाद दिया।
पीठ के आदेश के अनुसार, राजय सरकार को अपने हलफनामे में यह बताना होगा कि बिना बाड़ वाली सीमाओं पर कांटेदार बाड़ लगाने के लिए जमीन केंद्रीय गृह मंत्रालय को क्यों नहीं सौंपी गई, जबकि गृह मंत्रालय ने अधिग्रहण की पूरी लागत का भुगतान कर दिया था।
खंडपीठ ने यह भी टिप्पणी की कि राज्य सरकार के हलफनामे पर आपत्ति होने की स्थिति में, केंद्र सरकार को अपने तर्क प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा।
न्यायालय ने आगे निर्देश दिया कि पश्चिम बंगाल भूमि एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव को भी मामले में पक्षकार बनाया जाए। बांग्लादेश के साथ राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर भूमि अधिग्रहण लंबे समय से विवाद का विषय रहा है, जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्र सरकार राज्य पर असहयोग का आरोप लगाती रही है।
भाजपा ने राज्य सरकार और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दे की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।

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