आखिर खामोश क्यों है दिल्ली पुलिस
पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या के मामले में दक्षिण जिला पुलिस ने पूरी तफ्तीश पिछले साल जनवरी में ही पूरी कर ली थी। अंतर बस इतना था कि उस समय दिल्ली पुलिस का निजाम (आयुक्त) कोई और था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली । पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या के मामले में दक्षिण जिला पुलिस ने पूरी तफ्तीश पिछले साल जनवरी में ही पूरी कर ली थी। अंतर बस इतना था कि उस समय दिल्ली पुलिस का निजाम (आयुक्त) कोई और था। तमाम सुबूतों के बावजूद इस हाई प्रोफाइल मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। निजाम बदलने पर सितंबर व नवंबर में फिर से जांच शुरू हुई। पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो इस केस की पूरी जांच हो चुकी है, अधिकारियों को हर चीज की जानकारी है।
दिल्ली पुलिस के ही एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो इस मामले में ऐसा कोई बड़ा पेंच नहीं है, जिसकी तफ्तीश में एक साल का वक्त लग जाए। दिल्ली पुलिस के इतिहास में ऐसा पहला मामला है जब होटल के कमरे से शव मिलने की जांच में इतना वक्त लगा हो और फिर भी केस सुलझता न दिख रहा हो। यह पहला मामला है, जिसमें दिल्ली पुलिस का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
आइपीएल कनेक्शन नहीं
एसआइटी का नेतृत्व कर रहे दक्षिण जिले के डीसीपी प्रेमनाथ का कहना है कि सुनंदा केस में आइपीएल कनेक्शन नहीं है। मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इसका खंडन किया। बताया गया कि सुनील ताकरू, सुनंदा का पारिवारिक दोस्त है। दोनों के जम्मू के होने के कारण उनकी पारिवारिक दोस्ती है। सुनंदा मामले में सुनील का कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि सुनील के मोबाइल नंबर का पता लगाने पर सिम दिल्ली के फर्जी पते पर मिला है। उसने 144/3 हरी नगर आश्रम के पते पर सिम लिया था, जहां सुनील नाम का ही कोई और शख्स रहता है, वह सुनील ताकरू को नहीं जानता है। पिछले वर्ष 15 जनवरी को जिस दिन सुनंदा दिल्ली आई थी, उन्हीं के साथ सुनील भी दिल्ली आया था और होटल लीला के कमरा नंबर 307 में ठहरा था। विमान में सुनंदा और शशि थरूर के बीच झगड़ा होने पर सुनंदा उसके साथ रहने चली गई थी। बाद में सुनंदा को सुइट नंबर-345 में भेज दिया गया। तीसरी महिला केटी को लेकर किसी भी बात का दिल्ली पुलिस ने खंडन किया है।
आज दिल्ली आ सकते हैं थरूर
शशि थरूर के रविवार को केरल के गुरुवायूर से दिल्ली आने की संभावना है। थरूर गुरुवायूर में आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। एसआइटी उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकती है। शनिवार को लीला होटल के सुइट नंबर 345 में लगी सरकारी सील को पुलिस ने खोल तो दिया लेकिन उक्त कमरे के इस्तेमाल पर फिलहाल रोक लगा दी है। वहीं, शशि थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह से कहां पूछताछ की गई, इसका खुलासा एसआइटी ने नहीं किया है।