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न तोड़ेंगे, न छोड़ेंगे, सुधारेंगे और खुद भी सुधरेंगेः योगेंद्र यादव

आम आदमी पार्टी में राजनीतिक घामासान के बीच दोनों पक्षों के बीच बयानबाजी भी जारी है। पार्टी में अंदरूनी झगड़ा चरम पर पहुंच गया है। इस बात की पूरी संभावना है कि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पीएसी [ राजनीतिक मामलों की समिति] से हटाया जा सकता है। इस

By Sudhir JhaEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2015 10:09 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2015 02:38 PM (IST)
न तोड़ेंगे, न छोड़ेंगे, सुधारेंगे और खुद भी सुधरेंगेः योगेंद्र यादव

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी में राजनीतिक घामासान के बीच दोनों पक्षों के बीच बयानबाजी भी जारी है। पार्टी में अंदरूनी झगड़ा चरम पर पहुंच गया है। इस बात की पूरी संभावना है कि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पीएसी [ राजनीतिक मामलों की समिति] से हटाया जा सकता है। इस बीच योगेंद्र यादव ने कहा कि पार्टी का समन्वयक कौन हो, यह कोई मुद्दा नहीं। मुद्दा तो पार्टी में आतंरिक लोकतंत्र की मजबूती का है। पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी (पीएसी) से हटाए जाने की अटकलों पर यादव ने कहा, अगर मैं पीएसी में रहने के काबिल नहीं हूं, तो मुझे हटा दिया जाए। अगर मैंने कुछ गलत किया है तो इसके लिए मुझे सजा मिलनी चाहिए क्योंकि अनुशासन का उल्लंघन करने पर कार्रवाई तो होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने साफ किया कि पद से हटाए जाने का मतलब यह नहीं कि मैं पार्टी छोड़ रहा हूं।

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इससे पूर्व यादव ने कहा कि वह और प्रशांत भूषण पीएसी में बदलाव के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि पीएसी में न होने पर भी पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। योगेंद्र यादव ने कहा कि न तोड़ेंगे न छोड़ेंगे, सुधारेंगे और खुद भी सुधरेंगे। पीएसी की बैठक दोपहर दो बजे होने वाली है।

योगेंद्र यादव ने कहा कि कोई भी राजनीतिक पार्टी, या परिवार नहीं है जो कहे कि उसके यहां सब कुछ ठीक- ठाक है। हर जगह मुद्दे आैर कठिनाइयां होती हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी का संयोजक कौन हो यह मुद्दा नहीं है, सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि पार्टी में अंदरूनी लोकतंत्र को कैसे मजबूत किया जाए। योगेंद्र यादव ने कहा कि पीएसी में कौन हो कौन न हो यह मसला नहीं है। पार्टी में वैलेंटियर्स और समर्थकों की भावनाओं का खयाल रखा जाना चाहिए।

योगेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली के चुनाव में आप को बड़ी जीत मिली है। हमें पूरी ईमानदारी से काम करनी चाहिए। लोगों को हमसे बड़ी उम्मीदें हैं हमें उनकी उम्मीदों पर खड़ा उतरना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मैं पद के लायक नहीं तो मुझें पीएससी से हटा दिया जाना चाहिए, लेकिन पद से हटने का मतलब यह नहीं है कि मैं पार्टी छोड़ दूंगा।

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