हेलीकॉप्टर सौदा घोटाला की जांच में मदद करेगा ब्रिटेन: कैमरन
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदे में घूसखोरी के आरोपों के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के सामने खरीद प्रक्रिया में गैरकानूनी उपायों के इस्तेमाल की शिकायतों को लेकर अपनी गंभीर चिंताएं रखीं। कैमरन ने भरोसा दिया है कि उनकी सरकार सौदे में गड़बड़ियों की जांच में हर सहायता देगी। मंगलवार को पूरी संप्रग सरकार इस मामले को लेकर एक सुर में बोली और रक्षा मंत्रालय के कदमों के साथ खड़ी नजर आई।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदे में घूसखोरी के आरोपों के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री के सामने खरीद प्रक्रिया में गैरकानूनी उपायों के इस्तेमाल की शिकायतों को लेकर अपनी गंभीर चिंताएं रखीं। कैमरन ने भरोसा दिया है कि उनकी सरकार सौदे में गड़बड़ियों की जांच में हर सहायता देगी। मंगलवार को पूरी संप्रग सरकार इस मामले को लेकर एक सुर में बोली और रक्षा मंत्रालय के कदमों के साथ खड़ी नजर आई।
कैमरन से मुलाकात के दौरान डॉ. सिंह नें कहा कि 2010 में अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ हुए सौदे में अनैतिक साधनों के इस्तेमाल के आरोपों की जांच में ब्रिटेन सरकार हमारी मदद करे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने सहयोग का आश्वासन तो दिया, लेकिन इस बात के संकेत भी दिए कि वह इटली में जांच पूरी होने का इंतजार करेंगे। इतालवी अदालत भी फिलहाल भारत से सूचनाएं साझा करने से इन्कार कर चुकी है। भारत-ब्रिटेन शिखर वार्ता के बाद कैमरन ने कहा कि ब्रिटेन मामले की जांच पर भारत से पूरा सहयोग करेगा। कैमरन ने कहा, 'ब्रिटेन में हमने घूसखोरी के खिलाफ बेहद सख्त कानून बनाया है। हमारी कोशिश होगी कि रिश्वतखोरी को हर स्तर पर रोका जा सके।' अगस्ता-वेस्टलैंड के खिलाफ जांच से जुड़े इस मामले पर भारत ने सूचनाएं साझा करने के लिए ब्रिटिश सरकार को पत्र लिखे थे। तब भी ब्रिटेन ने कहा था कि वह इटली में जांच पूरी होने का इंतजार करेगा।
अगस्ता-वेस्टलैंड सौदे को लेकर सरकार में आई दरार की खबरों के खिलाफ कैबिनेट ने साझा चेहरा दिखाने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री सिंह ने कैमरन से वार्ता में रक्षा मंत्रालय के कदमों का हवाला देते हुए कहा, 'हमने कंपनी को कारण बताओ नोटिस देते हुए ईमानदारी बरतने के लिए हुए इंटेग्रिटी पैक्ट के उल्लंघन पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।' विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि जो फैसला होगा, वह रक्षा मंत्रालय की अगुआई में होगा।
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने विदेश मंत्रालय से तालमेल या सरकार के भीतर मशविरा न करने की खबरों को नकारते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय नियमानुसार कदम उठा रहा है। रक्षा मंत्रालय करीब 3600 करोड़ रुपये के इस सौदे की सीबीआइ जांच के आदेश दे चुका है। सौदे की पड़ताल के लिए रक्षा मंत्रालय व सीबीआइ का एक दल इन दिनों इटली में है।
ब्रिटेन-भारत करेंगे नाभिकीय सहयोग समझौता
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत और ब्रिटेन ने द्विपक्षीय नाभिकीय सहयोग समझौते पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया है। नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह में सहयोग के लिए ब्रिटेन का शुक्रिया करने के साथ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसका एलान किया। भारत दौरे पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने संवेदनशील तकनीक और साझा रक्षा उत्पादन सहित नई कारोबारी संभावनाएं बढ़ाने की उत्सुकता दिखाई। यूरोजोन में आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के लिए भारत में कारोबार की नई संभावनाएं तलाशने आए कैमरन ने खासी दरियादिली दिखाई।
कैमरन ने भारतीय छात्रों के लिए ब्रिटेन में पढ़ाई और वीजा सहूलियतें बढ़ाने से लेकर भारत के कारोबारियों को एक दिन में वीजा देने तक कई एलान किए। उन्होंने संवेदनशील तकनीक हस्तांतरण से लेकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को भरोसेमंद साझेदार बताने का प्रयास किया। भारत और ब्रिटेन के बीच शिखर वार्ता के बाद साझा मंच से कैमरन ने कहा कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को अगले पायदान पर ले जाने का वक्त आ गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच संतुलित व प्रभावी मुक्त व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने की जरूरत पर जोर दिया। दोनों देशों ने आतंकवाद और व्यापक नरसंहार के हथियारों को गलत हाथों में जाने से रोकने के लिए निकट सहयोग से काम करने का संकल्प किया।
प्रधानमंत्री सिंह ने नाभिकीय आपूर्तिकर्ता समूह में भारत के खिलाफ बंदिशें हटाने में ब्रिटेन से मिली मदद पर धन्यवाद देते हुए कहा कि दोनों देश परमाणु सहयोग पर बातचीत शुरू करेंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने भी कहा कि ब्रिटेन भारत को नाभिकीय, रक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में मौजूद संवेदनशील तकनीक उपलब्ध कराएगा। इस कड़ी में भारत के रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन और उसके ब्रिटिश समकक्ष संगठन ने रसायनिक व जैविक हथियारों से निपटने की तकनीक के साझा विकास का फैसला किया है। कैमरन ने कहा कि किसी भी हालत में उनका देश अफ-पाक क्षेत्र को आतंकियों की पनाहगाह बनने की इजाजत नहीं दे सकता। दोनों देशों ने अफगानिस्तान में सुरक्षा, स्थायित्व व सहयोग के मुद्दों पर तालमेल के लिए एक संयुक्त कार्यदल बनाने का भी फैसला किया। बीते दिनों कैमरन ने अफगानिस्तान और पाकिस्तान के राष्ट्रपतियों के साथ लंदन में मुलाकात की थी। बैठक में पाकिस्तान ने इस बात पर जोर दिया था कि अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया से भारत को दूर रखा जाए।
50 भारतीयों को छात्रवृत्ति देगा एलएसई
लंदन। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस [एलएसई] ने भारत-ब्रिटेन के बीच शिक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए परास्नातक कोर्स में 50 भारतीयों को छात्रवृत्ति देने का एलान किया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की तीन दिवसीय भारत यात्रा के दूसरे दिन एलएसई इंडिया स्कॉलरशिप और भारत में लिंग समानता पर एक बड़े सहयोगी शोध कार्यक्रम की घोषणा की गई।
एलएसई की घोषणा के बाद इस साल से प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में ज्यादा भारतीय छात्रों को परास्नातक डिग्री के लिए अध्ययन का मौका मिलेगा। छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत वित्तीय आवश्यकता के मुताबिक छात्रों को तीन हजार से 32 हजार पौंड तक की आर्थिक मदद की जाएगी। यह छात्रवृत्ति कार्यक्रम सभी भारतीय छात्रों के लिए 30 अप्रैल, 2013 से परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए शुरू हो जाएगा। कैमरन के साथ आए प्रतिनिधिमंडल में शामिल एलएसई के निदेशक प्रोफेसर क्रैग क्लॉन ने कहा, 'हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि बिना किसी आर्थिक भेदभाव के विश्वविद्यालय के दरवाजे सभी बेहतरीन छात्रों के लिए खुले हैं।' एलएसई में हर साल 300-400 भारतीय छात्र दाखिला लेते हैं। इनमें ज्यादातर छात्र परास्नातक पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण कराते हैं। एलएसई ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के साथ एक लिंग समानता शोध कार्यक्रम की भी घोषणा की।
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