वायुसेना प्रमुख अरूप राहा बोले, पठानकोट आतंकी हमला थी पहली नाकामी
वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने पठानकोट आतंकी हमला जैसी असफलताओं से सीख लेने की बात स्वीकार की।
नई दिल्ली (एएनआई)। वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपनी असफलताओं को बताते हुए यह स्वीकार किया कि इससे सीख लेकर पहले की तुलना में अब कहीं अच्छे तरीके से मुकाबले के लिए तैयार हैं।
उन्होंने पठानकोट आतंकी हमले को पहली असफलता बताते हुए कहा, 'हमें उससे सीख मिली और अब हम अधिक तैयार हो गए हैं।' उनके लिए दूसरी असफलता वायुसेना का विमान AN32 का लापता होना था। राहा ने बताया, 'काफी प्रयासों के बावजूद हम उसका पता नहीं लगा सके। हम पीड़ितों के परिवार की मदद कर रहे हैं वह मेरे करियर की बुरी यादों में से एक हैं।'
We've done reasonably well in looking after the sub conventional threat like terrorism & other conventional threat-Air Force Chief Arup Raha pic.twitter.com/HsvrcT3YiJ
— ANI (@ANI_news) December 28, 2016
इसके अलावा अग्नि-V के लांच पर चीन की प्रतिक्रिया को एक ओर करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा भारत को अपने शक्ति संतुलन क्षमता निर्माण के अपने काम में आगे बढ़ना चाहिए। मिसाइल के टेस्ट फायरिंग पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा सवाल खड़े किए गए थे। उनका कहना था कि वे आशा करते हैं कि मिसाइल को बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन किया गया होगा।
भारत की ओर से कहा गया कि अग्नि-5 को बनाने का मकसद किसी देश को निशाने पर लेना नहीं है और न ही उसके द्वारा किसी भी अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन किया गया है। इसके अलावा भारत ने आशा जाहिर की कि बाकी देश भी ऐसा ही करेंगे।अग्नि-V की रेंज 5,000 किमी से ज्यादा है और इसे एक 'गेम चेंजर' मिसाइल करार दिया जा रहा है। और यह पूरे चीन को अपने निशाने पर ले सकता है। राहा ने कहा भारत अपनी क्षमताओं का निर्माण किसी देश से युद्ध के लिए नहीं कर रहा क्योंकि इसका विश्वास शांति में है।
इससे पहले अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी पूर्व वायुसेना प्रमुख एस.पी. त्यागी को राहा ने ‘अनुभवी पेशेवर’ बताते हुए कहा था कि उनके साथ ‘आम अपराधी’ जैसा सुलूक नहीं किया जाना चाहिए।
पहली नाकामी: पठानकोट आतंकी हमला
वर्ष 2016 के आरंभ में ही 2 जनवरी तड़के साढ़े तीन बजे पंजाब के पठानकोट एयरबेस में छह आतंकियों ने हमला कर दिया। यह आतंकी हमला लगातार पांच दिनों तक जारी रहा। इस ऑपरेशन में 7 जवान शहीद हो गए जबकि सेना के जवानों ने जवाबी कार्रवाई में जवानों ने 6 आतंकियों को भी मौत के घाट उतार दिया।
दूसरी नाकामी: AN32 विमान लापता
22 जुलाई को भारतीय वायुसेना का AN32 विमान लापता हो गया था। यह विमान चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर जा रहा था। प्लेन में 29 लोग सवार थे। काफी मशक्कत के बाद भी इस विमान के बारे में वायुसेना कुछ पता नहीं लगा सकी।
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