विकास के लिए महंगाई को नजरअंदाज नहीं कर सकता अारबीअाईः राजन
राजन ने कहा कि निवेशकों का हमारे मौद्रिक नीति लक्ष्य में भरोसा बढ़ा है और मुद्रास्फीति लक्ष्य हासिल होने के साथ इसमें और सुधार होगा।
मुंबई, रायटर/प्रेट्र। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने सोमवार को आलोचकों को करारा जवाब दिया। उन्होंने अपने हर फैसले का बचाव करते हुए कारण गिनाए। ब्याज दरों को ऊंचा बनाए रखने का फैसला हो या नीतिगत सुधारों को रफ्तार देने के लिए उठाए गए कदम, हर बात को लेकर राजन ने अपना पक्ष रखा।
रिजर्व बैंक गवर्नर पद पर दूसरे कार्यकाल से इन्कार की घोषणा के बाद वह पहली बार किसी सार्वजनिक मंच पर दिखे। राजन यहां टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जो कहते हैं कि ब्याज दरें बहुत ऊंची हैं, वे दोनों तरफ नहीं रह सकते हैं। वे महंगाई और नीतिगत दरों दोनों को कम देखना चाहते हैं। आरबीआइ ने यथासंभव हमेशा नीतिगत दरों को जितना कम हो सकता है, उतना कम रखा। उन्हें महंगाई दर के अनुरूप घटाया गया।
राजन ने सुधारों की दिशा में उठाए गए कदमों का भी मजबूती के साथ बचाव किया। इनमें ब्याज दरों को तय करने के लिए मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की शुरुआत का कदम भी शामिल है। उनके मुताबिक, भविष्य में महंगाई को निचले स्तर पर बनाए रखने में एमपीसी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने इस समिति के गठन के फैसले को क्रांतिकारी करार दिया। आरबीआइ गवर्नर बीते साल से नीतिगत दरों में डेढ़ फीसद की कटौती कर चुके हैं। यह और बात है कि इनमें ज्यादा कमी के लिए उन पर सरकार और उद्योग दोनों की तरफ से चौतरफा दबाव रहा है।
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