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व्यापमं से डरी हूं कि कब इज्जत बिगड़ जाए : उमा

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री और मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने व्यापमं घोटाला मामले पर सोमवार को अपनी बेबाक राय रखी। कहा- 'मैं केंद्रीय मंत्री हूं। लेकिन व्यापमं में नाम घसीटे जाने के बाद से डरी हुई हूं कि कब इज्जत बिग़़ड जाए?'

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2015 09:54 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2015 09:44 AM (IST)
व्यापमं से डरी हूं कि कब इज्जत बिगड़ जाए : उमा

नई दिल्ली। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री और मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने व्यापमं घोटाला मामले पर सोमवार को अपनी बेबाक राय रखी। कहा- 'मैं केंद्रीय मंत्री हूं। लेकिन व्यापमं में नाम घसीटे जाने के बाद से डरी हुई हूं कि कब इज्जत बिग़़ड जाए?'

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उन्होंने कहा कि इसकी जांच में शुरआती दौर में तथ्यों के साथ कुछ खिलवा़़ड हुआ है, जिसकी जांच मुख्यमंत्री को किसी सक्षम एजेंसी से करानी चाहिए। व्यापमं मामले की सीबीआई जांच के सवाल पर उन्होंने कहा -'सीबीआई से जांच कराने की बात कही थी, लेकिन तब तक एसआईटी का गठन नहीं किया गया था। अब हाई कोर्ट की निगरानी में एसआईटी और एसटीएफ जो जांच कर रही है, उस पर मुझे पूरा भरोसा है।' इंदौर क्राइम ब्रांच की भूमिका संदिग्ध पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे मामले में इंदौर क्राइम ब्रांच की भूमिका संदेहास्पद है।

मुख्यमंत्री को इसकी जांच करानी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि कहीं दस्तावेजों के साथ इंदौर क्राइम ब्रांच ने कोई खिलवा़़ड तो नहीं कर दिया है। उमा ने व्यापमं से जु़़डे लोगों की लगातार हो रही मौतों को दुखद बताते हुए कहा कि व्यापमं से ब़़डी संख्या में युवाओं की जिंदगियां बर्बाद हो रही हैं। मालूम हो कि व्यापमं मामले की शुरआती जांच में उमा भारती का भी नाम सामने आया था।

हालांकि बाद में उन्हें क्लीनचिट दे दी गई थी। व्यापमं मामले की जांच सीबीआई या किसी सक्षम एजेंसी से कराने के सवाल पर उमा भारती ने कहा कि शिवराज की मर्यादा अनुमति दे तो सक्षम एजेंसी को जांच सौंपी जानी चाहिए। सक्षम एजेंसी कौन होगी, इसका फैसला सीएम को खुद करना होगा।

सुरजेवाला ने मांगी दस सवालों पर सफाई

पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने मध्य प्रदेश सरकार से घोटाले से जुड़े दस सवालों पर सफाई मांगी है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। सुरजेवाला ने कहा कि जब व्यापम घोटाले की बात 2009 में ही सार्वजनिक हो गई थी, तो 2013 तक मुख्यमंत्री इस पर खामोश क्यों रहे? मामले को लेकर गठित कमेटी की जांच आगे क्यों नहीं बढ़ी? 13 माह तक इस कमेटी की बैठक क्यों नहीं हो सकी।

सुरजेवाला ने कहा कि व्यापम मामले में आरोपों का सामना कर रहे शिवराज सिंह के करीबी मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को गिरफ्तार करने में इतनी देरी क्यों की गई? मुख्यमंत्री के पूर्व निजी सचिव प्रेम प्रसाद को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? कांग्रेस ने आरोप लगाया कि व्यापम घोटाले से जुड़े 800 आरोपी अभी भी फरार हैं। पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान की भूमिका की जांच की मांग की है। पार्टी के मुताबिक दिसंबर 2008 से मार्च 2012 तक शिवराज सिंह राज्य में मेडिकल शिक्षा मामलों के मंत्री थे। ऐसे में उनकी भूमिका भी साफ होनी चाहिए।


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