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अब विहिप का हिंदू हेल्पलाइन कार्ड

इलाहाबाद [शरद द्विवेद्वी]। लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच राजनीतिक दल एक-दूसरे को घेरने में जुट गए हैं। इस कड़ी में विश्व हिंदू परिषद भी पीछे नहीं है। वह भी हिंदुओं में अपनी साख मजबूत करने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया है। हिंदू जनमानस तक अपनी पहुंच बनाने के लिए विहिप ने अनोखा व हाईटेक तरीका अख्तियार कर

By Edited By: Published: Wed, 05 Sep 2012 07:32 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2012 07:59 PM (IST)
अब विहिप का हिंदू हेल्पलाइन कार्ड

इलाहाबाद [शरद द्विवेद्वी]। लोकसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच राजनीतिक दल एक-दूसरे को घेरने में जुट गए हैं। इस कड़ी में विश्व हिंदू परिषद भी पीछे नहीं है। वह भी हिंदुओं में अपनी साख मजबूत करने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया है। हिंदू जनमानस तक अपनी पहुंच बनाने के लिए विहिप ने अनोखा व हाईटेक तरीका अख्तियार कर 'हिंदू हेल्प लाइन' सेवा शुरू की है। यह एक ऐसी सेवा है जिससे देश का कोई भी हिंदू किसी भी शहर में हर तरह की मदद मांग सकता है। विहिप इसके माध्यम से लोगों की मदद के साथ उन्हें पर्दे के पीछे एकजुट कर रही है, ताकि चुनाव में राजनीतिक दलों पर को अपनी शक्ति का एहसास करा सके।

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वर्ष 1992 में श्रीरामजन्म भूमि पर मंदिर आंदोलन के बाद विहिप का हिंदुओं पर प्रभाव कम हुआ है। इसके पीछे संगठन की निष्क्रियता भी बताई जाती है। इसे दूर करने के लिए विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया ने 'हिंदू हेल्प लाइन' शुरू की है। इससे जहां हिंदुओं की मदद कर विहिप उनसे सीधा जुड़ने का प्रयास कर रही है वहीं संगठन को धार देने की कोशिश की जा रही है। साथ ही लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक हिंदुओं को साथ लेकर राजनीतिक दलों पर हिंदू एजेंडा लागू करने का दबाव बनाया जा सके।

क्या है हिंदू हेल्पलाइन

विहिप की ओर से हिंदू हेल्प लाइन के दो टेलिफोन नंबर हैं। इसको डायल कर कोई भी हिंदू देश के किसी भी कोने से अपनी समस्या बताकर मदद मांग सकता है। कंट्रोल रूम में बैठा व्यक्ति उनका पूरा ब्योरा एकत्रित करने के बाद संबंधित जिला या महानगर प्रमुख से संपर्क कर उन्हें पूरी जानकारी देगा। फिर वह उस व्यक्ति के पास पहुंचकर मदद करेंगे। कुछ देर बाद कंट्रोल रूम में बैठा व्यक्ति पुन: मदद मांगने वाले संपर्क कर उनकी स्थिति का पता करेगा। इसके बाद संपर्क का दौर लगातार चलता रहेगा।

ये मदद मिलेगी

विहिप की ओर से मदद मांगने वाले को रास्ते की जानकारी देने के साथ वाहन उपलब्ध कराया जाएगा, रहने, खाने के साथ आने-जाने का किराया भी दिया जाएगा, यहां तक कि अगर कोई किसी अनजाने शहर में जाकर किसी दुर्घटना का शिकार हो गया है तो उसका इलाज भी कराया जाएगा।

विहिप के प्रदेश प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि अनजाने शहर में वक्त-बेवक्त लोगों को मदद की जरूरत पड़ती है, परंतु वहां उन्हें जानने वाला कोई नहीं होता। विहिप उनके परिवार के सदस्य की तरह हर मदद करेगा, इस अभियान को चुनाव से नहीं जोड़ना चाहिए क्योंकि हमारी सेवा अनवरत जारी रहेगी।

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