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वसुंधरा ने आरोपो को बताया बेबुनियाद, मिला भाजपा का साथ

ललित मोदी की मदद करने के आरोप में फंसी रजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे को लेकर भाजपा असमंजस में है। इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने साफ कर दिया है कि किसी का इस्तीफा नहीं होगा।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2015 08:03 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2015 10:37 PM (IST)
वसुंधरा ने आरोपो को बताया बेबुनियाद, मिला भाजपा का साथ

नई दिल्ली। ललित मोदी की मदद करने के आरोप में फंसी रजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे को लेकर भाजपा असमंजस में है। इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने साफ कर दिया है कि किसी का इस्तीफा नहीं होगा। गुरुवार को वसुंधरा से उनके आवास पर विधायकों और पार्टी के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर साफ कर दिया है कि वे उनके साथ हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की रात प्रधानमंत्री से मुलाकात करने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह उनके आवास पहुंचे। माना जा रहा है कि इस दौरान वसुंधरा मामले पर ही चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार इस बातचीत के दौरान फैसला किया गया कि वसुंधरा और सुषमा स्वराज के साथ पार्टी खड़ी रहेगी और किसी का इस्तीफा नहीं होगा।

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विवाद के लंबा खिंचने से भाजपा में चिंता जरूर है पर फैसला सही वक्त पर होगा। पार्टी के संयुक्त महासचिव सौदान सिंह लगातार वसुंधरा के संपर्क में है। पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही केंद्रीय नेतृत्व वसुंधरा का भविष्य तय करेगा और वह भी खुद वसुंधरा को विश्वास में लेकर।

दरअसल, वसुंधरा और ललित मोदी को लेकर आए नए दस्तावेज ने भाजपा की परेशानी बढ़ा दी है। सूत्रो के अनुसार नैतिक आधार पर छवि को लेकर चिंता बढ़ी है। लेकिन बचाव का यह आधार बाकी है कि उसमें एक दोस्त की तरह रेजिडेंट स्टेटस के लिए गारंटी दी थी। लेकिन सूत्रों की मानी जाए तो भाजपा में दो गुट हैं। एक नैतिक आधार पर इस्तीफे के पक्ष में हैं और दूसरे गुट का मानना है कि दबाव में इस्तीफा लिया तो यह भ्रष्टाचार का आरोप मानने जैसा होगा।

वैसे भी विपक्ष की ओर से इसकी कोई गारंटी नहीं है कि वसुंधरा के इस्तीफे के बाद वह सदन का कार्यवाही चलने देंगे। बल्कि दूसरी ओर से दबाव और बढ़ेगा और उसे बिहार चुनाव में भी भुनाने की कोशिश होगी। एक अड़चन वसुंधरा के रुख को लेकर भी है। सूत्र बताते हैं कि वसुंधरा को जबरन हटाने की कोशिश हुई तो राजस्थान में परेशानी बढ़ सकती है और ऐसे में पार्टी को दो मोर्चो पर जूझना होगा जो राजनीतिक रूप से सही फैसला नहीं होगा।

शायद यही कारण है कि केंद्रीय मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा, 'पार्टी में सबकुछ ठीक है।' अमेरिका से लौटकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'कोई भी दागदार नहीं है।' गृहमंत्री राजनाथ सिंह पहले ही कह चुके हैं कि किसी के इस्तीफा देने का सवाल नहीं है। गुरुवार को पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'राजे के मामले में गलत क्या है? ये बस कुछ दस्तावेज हैं। इनकी प्रमाणिकता अभी साबित होनी है। क्या उन्हें किसी जज या अदालत के सामने पेश होना पड़ा?'

बताते हैं कि वसुंधरा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस्तीफा नहीं देना चाहती हैं। उनके साथ विधायकों का बड़ा समर्थन भी है। गुरुवार को उनसे मिलने के लिए विधायक भी आते रहे। शुक्रवार की देर शाम तक वह दिल्ली पहुंच सकती हैं। शनिवार को नीति आयोग में बैठक है। उस वक्त वह खुद केंद्रीय नेतृत्व को सफाई दे सकती हैं। उसके बाद कोई फैसला होगा।

सीएमओ ने खबरों को बताया असत्य

जयपुर में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से जारी बयान में कहा गया कि कुछ न्यूज चैनल लगातार सत्य से परे खबरें चला रहे हैं। इसका उद्देश्य सीएम की छवि खराब कर उन्हें राजनीतिक क्षति पहुंचाना है।


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