आराम फरमा रहे उत्तराखंड सरकार के अपने उड़नखटौले
देहरादून [सुमन सेमवाल/राजू पुशोला] प्रदेश आपदा के कहर से इस कदर कराह रहा है कि 'करुण रुदन' सुनकर अन्य राज्यों ने भी मदद को हाथ बढ़ाए हैं। विभिन्न प्रदेशों के हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज समेत निजी कंपनियों के करीब दो दर्जन और सेना के एक दर्जन हेलीकॉप्टर आपदा राहत में पूरी तरह जुटे हैं। इन सबके बीच अपनी सरकार के उड़न
देहरादून [सुमन सेमवाल/राजू पुशोला] प्रदेश आपदा के कहर से इस कदर कराह रहा है कि 'करुण रुदन' सुनकर अन्य राज्यों ने भी मदद को हाथ बढ़ाए हैं। विभिन्न प्रदेशों के हेलीकॉप्टर, हवाई जहाज समेत निजी कंपनियों के करीब दो दर्जन और सेना के एक दर्जन हेलीकॉप्टर आपदा राहत में पूरी तरह जुटे हैं। इन सबके बीच अपनी सरकार के उड़नखटौले 'आराम फरमाते' मिलें तो ये जानकार किसे हैरानी नहीं होगी।
स्थिति यह है कि उत्तराखंड शासन का हेलीकॉप्टर आपदा पीड़ितों की मदद के बजाए मंत्री-विधायकों की सेवा बजा रहा है। दूसरी तरफ इस विकट घड़ी में राज्य का हवाई जहाज भी दो दिन में एक के करीब उड़ान ही भर पा रहा है। प्रदेश में आपदा राहत कार्य ने 18 जून से जोर पकड़ा था। स्थिति है कि तब से अब तक उत्तराखंड शासन के हेलीकॉप्टर ने एक भी आपदा पीड़ित की तरफ मदद का हाथ नहीं बढ़ाया है।
कहनेभर को इस उड़खटौले ने मदद के नाम पर सिर्फ एक बार राहत सामग्री लेकर उड़ान भरी। साथ ही, प्रदेश सरकार के पास अपना 10 सीटर हवाई जहाज भी है। यह आराम से गौचर हवाई पट्टी व उत्तरकाशी में चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी से दिन में कई चक्कर लगाकर आपदा पीड़ितों की मदद कर सकता था। इस जहाज ने पिछले 10 दिन में सिर्फ छह उड़ानें भरी हैं। यानी प्रति दिन एक उड़ान से भी कम का औसत।
रेस्क्यू के लिए हवाई माध्यम की सबसे अधिक जरूरत है। वहीं, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात से आधा दर्जन हेलीकॉप्टर आपदा पीड़ितों की मदद को रोजाना तीन-चार उड़ान भर रहे हैं। निजी कंपनियों के 20 से अधिक व सेना के एक दर्जन हेलीकॉप्टर हर दिन छह से अधिक घंटे की उड़ान भरकर आपदा पीड़ितों को सुरक्षित निकाल रहे हैं।
देहरादून में सहस्त्रधारा हेलीपैड में गुरुवार को तीन उड़ानों से 12 यात्री उतरे। इनमें छह लोग रायपुर और राजपुर रोड (देहरादून) के थे। सबसे पहली उड़ान गौचर से आई, जिसमें रायपुर की रेखा, अनुराधा राणा, अमित राणा, ओपी उपाध्याय और कुसुमलता उपाध्याय थे। इसके अलावा, बुद्धिराम, सरोज, शीला और दिनेश भटवाड़ी से लाए गए। इनमें सरोज के भटवाड़ी में पत्थर से घायल होने के कारण उसे मैक्स अस्पताल रेफर किया गया।
एक अन्य उड़ान से राजपुर रोड से ललित राणा, राहुल राणा और नेहा राणा आए। प्रदेश में आपदा राहत में लगे हेलीकॉप्टर व हवाई जहाज के नोडल अधिकारी जी सतैया ने कहा कि यह सच है कि उत्तराखंड शासन के हेलीकॉप्टर से आपदा पीड़ितों को नहीं लाया गया, लेकिन हवाई जहाज काफी हद तक राहत कार्य में लगे हैं। जरूरत के हिसाब से इसकी उड़ान बढ़ाई जाएगी।
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