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    अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट से मोदी का नाम हटाया

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    Updated: Thu, 31 Jul 2014 06:18 PM (IST)

    धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में हर साल जारी होने वाली रिपोर्ट में इस बार अमेरिका का नजरिया बदला हुआ है। 2007 के बाद अमेरिका ने अपने रख में बड़ा बदलाव करते हुए पहली बार इस रिपोर्ट से नरेंद्र मोदी का जिक्र हटा दिया है। वहीं इस बार की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की तुलना इराक, बांग्लादेश और सीरिया से की है। अपनी सालाना अंतरराष्ट्री

    नई दिल्ली। धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में हर साल जारी होने वाली रिपोर्ट में इस बार अमेरिका का नजरिया बदला हुआ है। 2007 के बाद अमेरिका ने अपने रख में बड़ा बदलाव करते हुए पहली बार इस रिपोर्ट से नरेंद्र मोदी का जिक्र हटा दिया है। वहीं इस बार की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की तुलना इराक, बांग्लादेश और सीरिया से की है।

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    अपनी सालाना अंतरराष्ट्री धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में गुजरात दंगों के बारे में लिखा गया है, लेकिन इसमें से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सभी जिक्र हटा दिए गए हैं। अमेरिका इसी रिपोर्ट के आधार पर बीते सात साल से नरेंद्र मोदी को वीजा देने से इन्कार करता रहा है।

    ताजा रिपोर्ट अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी की भारत यात्रा के ठीक पहले जारी की गई है। यह न केवल मोदी के लिए, बल्कि दोनों देशों से रिश्तों के लिहाज से भी बड़ा परिवर्तन माना जा सकता है।

    उप्र में नहीं मिटा भेदभाव

    उधर, अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में उत्तर प्रदेश की तुलना इराक और सीरिया से की है। रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार की इस बात के लिए निंदा की गई है कि उसने धर्म और असहनशीलता के आधार पर हो रहे भेदभाव को मिटाने की कोई कोशिश नहीं की।

    अखिलेश सरकार की आलोचना

    रिपोर्ट में कहा गया है कि धर्म के आधार पर भेदभाव का मुकाबला करने में सरकार की असफलता से ऐसा माहौल तैयार हुआ है, जिसमें असहनशील तथा हिंसक गुटों के हौसले बुलंद हो गए हैं। सरकार कमजोर अल्पसंख्यकों की रक्षा में असफल रही है। वे बुरी तरह प्रभावित हुए और शरणार्थी बन गए। भारत के अन्य राज्यों के बजाय उत्तर प्रदेश का मामला अलग बताते हुए इस अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि मुजफ्फरनगर में पिछले साल अगस्त-सितंबर में हिन्दू और मुस्लिम समुदायों में दंगे हुए। इनमें 65 लोग मारे गए, 68 जख्मी हुए और 40 से 50 हजार लोग विस्थापित हो गए। ये दंगे छेड़छाड़ की घटना से शुरू हुए और सरकार ने 7 सितंबर को लोगों की हिंसक भीड़ जमा होने दी। स्थानीय सरकार ने धार्मिक नेताओं तथा राजनीतिकों के आह्वान को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। इससे हिंसा हुई।

    क्या है रिपोर्ट

    16 साल से अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट जारी हो रही है। इसमें बताया जाता है कि कैसे और कहां धार्मिक स्वतंत्रता की उपेक्षा की गई और कहां उसकी रक्षा की गई। इस रिपोर्ट को अमेरिकी कांग्रेस की स्वीकृति मिली हुई है। यह दुनिया भर के देशों और क्षेत्रों के लिए तैयार की जाती है।

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