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    युद्ध से निपटने के लिए केंद्र ने की 20 हजार करोड़ रुपये की इमरजेंसी डील

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 06 Feb 2017 02:19 PM (IST)

    सैन्‍य साजो-सामान की कमी को झेल रही सेना की परेशानी को कम करने के मकसद से केंद्र ने रूस, इजराइल और फ्रांस से करीब 20 हजार करोंड़ रुपये की डील फाइनल की है।

    युद्ध से निपटने के लिए केंद्र ने की 20 हजार करोड़ रुपये की इमरजेंसी डील

    नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र ने युद्ध जैसी किसी भी आकस्मिक परिस्थिति से निपटने के लिए करीब बीस हजार करोड़ रुपये की इमरजेंसी डील को अंतिम रूप दे दिया है। इसमें सेना को हर वक्त तैयार रहने के मकसद से उन्हें दिए जाने वाले गोला बारूद से लेकर अन्य युद्ध की सामग्रियों की आपूर्ति शामिल है। इसके जरिए सरकार यह भी सुनिश्चित करना चाहती है कि परोक्ष या अपरोक्ष रूप से थोपे गए युद्ध के लिए सेना के पास किसी भी साजो-सामान की कोई कमी न रहे। साथ ही कम से कम समय में सेना की इंफेंट्री, वारशिप और टैंक युद्धघोष करने के लिए पूरी तरह से तैयार हों।

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    गोला-बारूद की न हो चिंता

    एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस डील के पीछे सरकार का मकसद यह तय करना है कि भारतीय सेना गोला-बारूद की चिंता किए बिना कम से कम 10 दिनों तक बड़ी से बड़ी जंग लड़ सके। पिछले तीन माह के दौरान सरकार ने रूस, इजरायल और फ्रांस के साथ नए करार तेजी से फाइनल किए हैं। इस खरीदारी से 13 लाख की संख्या बल वाली भारतीय सेना को रॉकेट, मिसाइल, टैंक के लिए गोला बारूद मिलेंगे।

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    कमेटियों को दिए विशेष वित्तीय अधिकार

    खबर के मुताबिक, भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर सर्जिकल स्ट्राइक्स के जरिए आतंक का जवाब देने के अलावा सरकार ने तीनों सेनाओं के वाइस चीफ की अध्यक्षता वाली कमेटियां गठित की हैं। इन कमिटियों को किसी भी आपात स्थिति में विशेष वित्तीय अधिकार भी दिए गए हैं, जिससे सेना के भंडार में किसी भी कमी को पूरा किया जा सके।

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    युद्ध के हालात से निपट सकेगी सेना

    भारतीय वायुसेना ने 9200 करोड़ रुपये के 43 करार साइन किए हैं, वहीं थल सेना ने रूस की कंपनियों के साथ 10 करार को अंतिम रूप दिया है। सेना ने रूसी कंपनियों के साथ 5,800 करोड़ रुपये के 10 करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इस करार के तहत APFSDS के लिए 125 इंजन और टी-20 तथा टी-72 टैंक के लिए गोला बारूद खरीदा जाएगा।

    गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से सेना में लगातार युद्ध के हालात से निपटने के लिए पर्याप्त सामग्री न होने की बात की जा रही थी। सरकार द्वारा की गई इस डील से सेना के हालात कुछ सुधरने की उम्मीद है।

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