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    गरीबी के नए पैमाने पर बरसा विपक्ष

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    Updated: Wed, 21 Mar 2012 08:52 PM (IST)

    लोकसभा में बुधवार को योजना आयोग के गरीब से संबद्ध आंकड़ों के मुद्दे पर हंगामे से कार्यवाही बाधित हुई तथा इसे दोपहर तक स्थगित कर दिया गया।

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गरीबी के नए आंकड़ों पर उठे विवाद के बीच योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी सांसदों के निशाने पर आ गए हैं। गांव में 22 रुपये और शहरों में 28 रुपये की प्रतिव्यक्ति आय को गरीबी का पैमाना तय किए जाने से बिफरे विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने मोंटेक को आयोग से हटाए जाने की तक की मांग कर दी। सांसदों ने सरकार को आगाह किया गरीबी आकलन का व्यावहारिक पैमाना बनाएं और उसमें सांसदों से भी मशविरा करें। जबकि तृणमूल कांग्रेस ने इससे पहले सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने का सुझाव दिया।

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    पिछले कुछ वर्षो में देश में गरीबी घटने का दावा कर रही सरकार बुधवार को लोकसभा में घिर गई थी। पिछले साल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र देकर गरीबी का आंकड़ा क्रमश : 26 रुपये गांव और 32 रुपये शहर बताया था। बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। कुछ देर स्थगन के बाद जब इस विषय पर चर्चा शुरू हुई जदयू अध्यक्ष शरद यादव और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सीधे मोंटेक पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि योजना आयोग जमानी सच्चाई से दूर एयरकंडीशंड कमरे में बैठकर रिपोर्ट तैयार करता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खुद योजना आयोग के अध्यक्ष होते हैं लिहाजा उन्हें जिम्मेदारी लेकर मोंटेक सिंह को पद से हटा देना चाहिए।

    सरकार के लिए स्थिति तब और असहज हो गई जब नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज और दूसरे नेताओं के साथ-साथ सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक ने भी गरीबी के नए पैमाने को खारिज कर दिया। सुषमा ने कहा कि सरकार इस तरह का आकलन कर गरीबी का मजाक उड़ा रही है। तो तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने सुझाव दिया कि सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मशविरा कर आकलन का पैमाना तय होना चाहिए। स्थिति कुछ ऐसी बनी कि खुद कांग्रेस के सांसद भी खुलकर योजना आयोग का समर्थन नहीं कर पाए। वहीं राजद सांसद और पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने चेतावनी दी कि समय रहते इसे दुरुस्त करने के लिए कदम नहीं उठाया गया तो स्थिति भयानक हो सकती है।

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