ब्लास्ट आरोपी की रिहाई को सपा सरकार डालेगी विशेष याचिका
बाराबंकी, जागरण संवाददाता। कचहरी सीरियल ब्लास्ट के आरोपी खालिद मुजाहिद की मौत के बाद अब सपा सरकार दूसरे अभियुक्त तारिक काजमी के विरुद्ध दर्ज मुकदमे की वापसी के लिए हाई कोर्ट में विशेष याचिका दायर करेगी। यह कदम बाराबंकी की न्यायालय से मुकदमा वापसी की शासन की सिफारिश खारिज होने के बाद उठाया जा रहा है। इसके लिए जिलाधिकारी मिनिस्ती एस ने अभियोजन विभाग से तैयार मसौदे को शासन को सौंप दिया है।
बाराबंकी, जागरण संवाददाता। कचहरी सीरियल ब्लास्ट के आरोपी खालिद मुजाहिद की मौत के बाद अब सपा सरकार दूसरे अभियुक्त तारिक काजमी के विरुद्ध दर्ज मुकदमे की वापसी के लिए हाई कोर्ट में विशेष याचिका दायर करेगी। यह कदम बाराबंकी की न्यायालय से मुकदमा वापसी की शासन की सिफारिश खारिज होने के बाद उठाया जा रहा है। इसके लिए जिलाधिकारी मिनिस्ती एस ने अभियोजन विभाग से तैयार मसौदे को शासन को सौंप दिया है।
शासन से औपचारिक मंजूरी के बाद जल्द ही याचिका हाई कोर्ट में दायर कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि 23 नवंबर, 2007 को लखनऊ, फैजाबाद व वाराणसी की कचहरी में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। 22 दिसंबर, 2007 को बाराबंकी रेलवे स्टेशन से एसटीएफ ने तारिक काजमी व खालिद मुजाहिद को गिरफ्तार किया था। दोनों को वारदात का जिम्मेदार बताया था। उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद कर कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज कराया गया था। मुकदमे की सुनवाई यहां की विशेष अदालत में की जा रही थी। इस मुकदमे की वापसी के लिए शासन ने पिछले माह 18 अप्रैल को न्यायालय को सिफारिश पत्र भेजा था। न्यायालय ने तीन मई को सरकार की सिफारिश खारिज कर दी थी। इस पर प्रशासन की ओर से विशेष याचिका दायर करने की तैयारी की ही जा रही थी कि 18 मई, 2013 को फैजाबाद की न्यायालय से वापस लौटते समय खालिद मुजाहिद की रास्ते में संदिग्ध हालात में मौत हो गई।
गौरतलब है कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद डॉ. रामगोपाल यादव ने रविवार को इटावा में मुस्लिम समाज द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा था कि पार्टी अब तक प्रदेश में 200 निर्दोष मुस्लिम नौजवानों को जेलों से रिहा करा चुकी है और 400 मुस्लिमों से मुकदमे वापस हो चुके हैं।
15 आरोपियों से मुकदमा वापसी की पहल
लखनऊ। मुसलमानों पर से मुकदमा वापस लेने के वादे के साथ उत्तर प्रदेश की सत्ता में आई सपा सरकार अब तक आतंक समेत विभिन्न मामलों के 15 आरोपियों का मुकदमा वापस लेने की पहल कर चुकी है। गृह विभाग व न्याय विभाग से औपचारिकता पूरी कर सरकार ने संबंधित अदालतों में अर्जी भी लगा दी है। अब इनकी तकदीर का फैसला अदालतों पर निर्भर है।
सोमवार को गृह सचिव आरएन उपाध्याय ने बताया कि कुल 29 मामलों में 15 मामलों में मुकदमा वापस लेने के लिए संबंधित अदालतों में अर्जी दी गई है। उन्होंने बताया कि दस वादों में निर्णय नहीं हो सका है, जबकि बाकी प्रकरण न्याय विभाग के पास विचाराधीन हैं। सपा सरकार ने जिन आरोपियों का मुकदमा वापस करने की पहल की है, उसमें वर्ष 2007 में गोरखपुर, फैजाबाद, वाराणसी व लखनऊ में हुए विस्फोट के आरोपी तारिक कासमी व खालिद मुजाहिद का नाम प्रमुख है। इनके अलावा 2008 में रामपुर में सीआरपीएफ कैंप में हुए हमले के आरोपी जावेद उर्फ गुड्डू, ताज मुहम्मद और मकसूद का भी मुकदमा वापसी की सूची में शामिल हैं। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के आरोपी नौशाद, याकूब और नासिर हुसैन के लखनऊ में चल रहे मामले को भी वापस लेने के लिए अर्जी विचाराधीन है। अहमद हसन उर्फ बाबू व शमीम की वाराणसी की अदालत, मुहम्मद कलीम अख्तर और अब्दुल मोइन की लखनऊ अदालत तथा अरशद, सितारा बेगम और इम्तेयाज अली की कानपुर नगर की अदालत में रिहाई के लिए सरकार ने अर्जी लगाई है।
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