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बाढ़ की चपेट में यूपी व बिहार के कई हिस्से

उत्तर प्रदेश सहित बिहार के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ के कारण इलाहाबाद से बलिया तक पूर्वाचल का पूरा इलाका गंभीर रूप से प्रभावित है। प्रदेश की प्रमुख नदिया लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। गंगा, यमुना और घाघरा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पानी के तटबंधों के टूटने के कारण सैंकड़ों घर पानी में डूब गए हैं। उधर, बिहार के भी कई हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं। पटना में बाढ़ की आशंका गहरी हो गई है। यदि आधा मीटर पानी बढ़ा तो पटना

By Edited By: Published: Thu, 29 Aug 2013 11:35 AM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2013 12:05 PM (IST)

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सहित बिहार के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ के कारण इलाहाबाद से बलिया तक पूर्वाचल का पूरा इलाका गंभीर रूप से प्रभावित है। प्रदेश की प्रमुख नदिया लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है। गंगा, यमुना और घाघरा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पानी के तटबंधों के टूटने के कारण सैंकड़ों घर पानी में डूब गए हैं। उधर, बिहार के भी कई हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं। पटना में बाढ़ की आशंका गहरी हो गई है। यदि आधा मीटर पानी बढ़ा तो पटना में हालात और बिगड़ जाएंगे।

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जल संसाधन विभाग के आंकड़े कह रहे हैं कि गंगा का जलस्तर अभी पिछले आठ वर्ष का रिकार्ड तोड़ गया है। पटना में गंगा के जलस्तर में अगर आधा मीटर की बढ़ोतरी हो गयी तो राजधानी को परेशानी होगी। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि वैसे गंगा का जलस्तर अभी स्थिर है। इलाहाबाद और बक्सर में जलस्तर में कमी दर्ज की गयी है पर घाघरा और गंडक के जलस्तर के कारण दिक्कत हो रही है।

इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार की दोपहर पटना में गंगा तटवर्ती इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण बाद मुख्यमंत्री ने स्टेट हैंगर स्थित कक्ष में ही अफसरों के साथ इस बात पर विमर्श किया कि सिवरेज, नालों, घाटों व अन्य इलाकों से किस माध्यम से गंगा का पानी पटना में प्रवेश कर सकता है। मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्य के संबंध में अफसरों को निर्देश दिए।

जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार से विभाग व अन्य संबंधित महकमों की टीम संयुक्त रूप से नाव से तटीय इलाकों की पेट्रोलिंग करेगी। इसके लिए तीन-चार टीम बनायी गयी है। जिन जगहों पर थोड़ी दिक्कत है वहां बालू की बोरियों को जमा कर लिया गया है। अन्य एहतियात भी बरते जा रहे हैं। राजधानी क्षेत्र में बुधवार को भी गंगा के जलस्तर में रिकार्ड वृद्धि दर्ज की गई है। वृद्धि 1975 में आई बाढ़ के लगभग बराबर पहुंच चुकी है।

परेशानी इस बात को लेकर भी है कि पुनपुन नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है। बुधवार की सुबह श्रीपालपुर में पुनपुन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 77 सेंटीमीटर नीचे था। गुरुवार को सुबह आठ बजे तक 12 सेंटीमीटर बढ़ोतरी की संभावना है। गंडक के जलस्तर में भी वृद्धि की संभावना है।

ग्रामीण क्षेत्रों से मिली सूचना के अनुसार सारण में पिपरा और मरहा नदी का बांध टूटने से दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं। दिघवारा नगर पंचायत की कई वार्डो में पानी घुस गया है। गोपालगंज में भी 21 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बेगूसराय में हाथीदह व मुंगेर की स्थिति गंभीर बनी है। आरा-बक्सर एन.एच.-84 पर पानी चढ़ गया है। इससे यूपी से संपर्क कट गया है। शहर के दर्जनभर मुहल्लों में भी पानी घुस गया है। बक्सर के सुरक्षित माने जाने इलाकों को भी अलर्ट जारी किया गया है।

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