अाम बजट 2016ः हर खेत तक पहुंचेगा पानी
'हर खेत तक पानी' पहुंचाने की सरकार की मंशा को आगे बढ़ाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री सिंचाई योजना को मिशन मोड में चलाने का ऐलान किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 'हर खेत तक पानी' पहुंचाने की सरकार की मंशा को आगे बढ़ाते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री सिंचाई योजना को मिशन मोड में चलाने का ऐलान किया है। आम बजट में कई अहम प्रावधान कर खेती का सिंचित रकबा बढ़ाने के उपाय किए गए हैं। लंबित पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को चालू करने के लिए उन्हें फास्ट ट्रैक पर डाला जाएगा, जिससे 80 लाख हेक्टेयर रकबा सिंचाई करने में मदद मिलेगी।
आम बजट में कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसमें सिंचाई को वित्त मंत्री ने काफी तरजीह दी है। जेटली ने कहा 'खेती में उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के लिए सिंचाई बहुत महत्वपूर्ण साधन है।' कुल 14.1 करोड़ हेक्टेयर खेती वाली जमीन में से केवल 46 फीसद ही सिंचित है। खेती की बाकी जमीन में असिंचित खेती होती है, जहां सिंचाई के साधन पहुंचाकर उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है। सरकार ने आम बजट में इस दिशा में अहम पहल की है।
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एआइबीपी के तहत 89 परियोजनाएं लंबित पड़ी हुई हैं, जिन्हें चालू करने में तेजी लाई जाएगी। सरकार के इस प्रयास से 80 लाख हेक्टेयर से अधिक खेतों तक पानी पहुंच जायेगा। इन परियोजनाओं के लिए अगले साल 17 हजार करोड़ रुपये की जरुरत पड़ेगी। जबकि अगले पांच सालों में इसके लिए कुल 86 हजार करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। वित्तमंत्री को यकीन है कि इनमें से 23 परियोजनाएं 21 मार्च 2017 तक पूरी हो जाएंगी।
दीर्घकालिक सिंचाई निधि की स्थापना की जाएगी, जिसमें प्रारंभिक कार्पस निधि 20 हजार करोड़ की होगी। इस लक्ष्य को पाने के लिए आगामी वित्त वर्ष 2016-17 में बजटीय सहायता और बाजार उधारों के जरिये कुल साढ़े 12 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 6000 करोड़ रुपये के मार्फत भूजल संसाधन प्रबंधन का प्रोग्राम तैयार किया गया है। इसी तरह देश के असिंचित क्षेत्र में कम से कम पांच लाख तालाबों व कुओं का निर्माण मनरेगा से कराया जाएगा।
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