उपचुनाव में हार पर मोदी के बचाव में उतरी शिवसेना
मुंबई [राज्य ब्यूरो]। इन दिनों भाजपा के साथ चल रहे अपने नरम-गरम रिश्तों के बीच शिवसेना उपचुनाव में हार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचाव में उतर आई है। शिवसेना के मुखपत्रसामना ने अपने संपादकीय में उपचुनावों में हार को मोदी लहर का खात्मा बताने वालों को खरी-खरी सुनाई है। संपादकीय में कहा गया है कि उपचुनाव के
मुंबई [राज्य ब्यूरो]। इन दिनों भाजपा के साथ चल रहे अपने नरम-गरम रिश्तों के बीच शिवसेना उपचुनाव में हार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचाव में उतर आई है।
शिवसेना के मुखपत्रसामना ने अपने संपादकीय में उपचुनावों में हार को मोदी लहर का खात्मा बताने वालों को खरी-खरी सुनाई है।
संपादकीय में कहा गया है कि उपचुनाव के साथ मोदी लहर को जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। इस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए कि लोकसभा चुनाव और राज्यों के चुनाव अलग-अलग होते हैं। देश की जनता ने मोदी को देश का कामकाज करने के लिए जनमत दिया है। इसका मतलब यह नहीं कि ग्राम पंचायत के चुनाव में भी यदि नतीजे अलग आएं तो उसका आरोप मोदी लहर पर थोपा जाए।
संपादकीय में मोदी के कामकाज की तारीफ करते हुए भाजपा संगठन की कार्यशैली पर सवाल उठाया गया है। संपादकीय में कहा गया है कि मोदी देश की सुरक्षा और घेरेबंदी को मजबूत करते हुए देश की प्रतिष्ठा को बढ़ा रहे हैं । लेकिन उनके 100 दिन का कामकाज यदि निचले स्तर तक नहीं पहुंचा तो उसका जिममेदार कौन है ।
बता दें कि भाजपा-शिवसेना के बीच हाल में पैदा हुए तनाव का एक कारण शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे की मोदी लहर पर ही की गई एक टिप्पणी भी थी। जिसके बाद पूरे महाराष्ट्र के भाजपा कार्यकर्ताओं ने शिवसेना से गठबंधन खत्म करने की मांग शुरू कर दी थी। माना जा रहा है कि इस संपादकीय के जरिए शिवसेना ने मोदी की तारीफ कर भाजपा के साथ तनाव कम करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। क्योंकिएक-दो दिनों में ही भाजपा के साथ सीट समझौते पर उसकी अंतिम बातचीत होनी है। लेकिन इसी संपादकीय के जरिए उसने संकेतों में भाजपा को यह कहते हुए चेतावनी भी दी है कि जनता को अपनी बपौती नहीं समझना चाहिए। अपने पैर जमीन पर रखें। जीत का उन्माद न चढ़ने दें तथा हवा में तलवारबाजी न करें।
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