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    सूर्य नमस्कार पर गरमाई राजनीति

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    Updated: Mon, 18 Feb 2013 02:12 PM (IST)

    दो करोड़ छात्रों द्वारा एक ही समय पर सूर्य नमस्कार का विश्व रिकार्ड बनने से पहले ही इस पर विवाद गहरा गया है। मुस्लिम संगठनों द्वारा इस पर आपत्ति जताए जाने के बाद बिहार सरकार ने छात्रों के स्वेच्छा से इसमें शामिल होने की बात कहकर विवाद से पल्ला झाड़ने की कोशिश की। लेकिन अब बिहार में भाजपा के मंत्री गिरीराज का आरोप है कि सरकार ने दबाव में यह निर्णय लिया है। आज बिहार विधानसभा में भी इसको लेकर काफी हंगामा हुआ।

    पटना। दो करोड़ छात्रों द्वारा एक ही समय पर सूर्य नमस्कार का विश्व रिकार्ड बनने से पहले ही इस पर विवाद गहरा गया है। मुस्लिम संगठनों द्वारा इस पर आपत्ति जताए जाने के बाद बिहार सरकार ने छात्रों के स्वेच्छा से इसमें शामिल होने की बात कहकर विवाद से पल्ला झाड़ने की कोशिश की। लेकिन अब बिहार में भाजपा के मंत्री गिरीराज का आरोप है कि सरकार ने दबाव में यह निर्णय लिया है। आज बिहार विधानसभा में भी इसको लेकर काफी हंगामा हुआ।

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    बिहार के भाजपा नेता ताराकांत झा ने सूर्य नमस्कार को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है। वहीं गिरीराज ने इसको वोटबैंक की राजनीति करार दिया है। सूर्य नमस्कार को लेकर भारत में यूं तो बहुत पुराना प्रचलन है। लेकिन अब इसको लेकर भारत एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने में जुटा है। सोमवार को पूरे भारत में लगभग दो करोड़ छात्र एक साथ सूर्य नमस्कार कर विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे। इसका आयोजन स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के मौके पर हो रहा है।

    पटना में सामूहिक जागृति और युवा ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने के निमित्त इस आयोजन में 8 वीं से स्नातकोत्तर तक के विद्यार्थी भाग लेंगे। सूबे में सभी जिला मुख्यालयों पर इसका आयोजन किया जायेगा। जिसमें करीब 8 लाख छात्र-छात्राएं शामिल होंगी। राजधानी के मोइनुल हक स्टेडियम में इस दौरान करीब 100 शिक्षण संस्थानों के 25 हजार बच्चे सामूहिक सूर्य नमस्कार में शामिल होंगे।

    आयोजकों ने बताया कि शिकागो की धर्म संसद (1893) में भाग ले कर पूरी दुनिया को चमत्कृत और मुग्ध कर देने वाले विवेकानंद का युवाओं के लिए संदेश था- उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्त करने तक न रुको। तब जब कि आज भारत राजनीतिक- आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, समय आ गया है कि वह पूरी दुनिया का आध्यात्मिक और स्व आलोकन में भी नेतृत्व करे।

    सूर्य ऊर्जा का अक्षय स्त्रोत है। इस प्रवाहमान ऊर्जा के बिना जीव और कृषि जगत का विकास और संवर्धन असंभव है। हम सदियों से सूर्य पूजक इसीलिए रहे। सूर्य नमस्कार एक पूर्ण व्यायाम है जो मन व शरीर के संतुलित विकास की पूर्ण वैज्ञानिक प्रकिया है। इसका किसी पंथ या सम्प्रदाय से कोई लेना- देना नहीं है।सुबह 9 बजे से 11 बजे तक चलने वाले इस कार्यक्रम की तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

    समिति के प्रांत सह संयोजक अजय यादव ने बताया कि राजधानी में इस आयोजन की सफलता के लिए करीब 500 कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। दो दर्जन प्रशिक्षक इस दौरान मौजूद रहेंगे। सभी प्रतिभागियों को इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है। देर रात तक स्टेडियम में प्रतिभागियों को पंक्तिबद्ध करने के लिए रेखांकन का काम जारी था।

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