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भारत दौरे पर पहुंचे तुर्की के राष्ट्रपति रजब तईब इरदुगान

इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने सुरक्षा एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि आइएसआइएस के खतरों के मद्देनजर उन्हें सर्वोच्च सुरक्षा प्रदान की जाए।

By Suchi SinhaEdited By: Published: Sun, 30 Apr 2017 10:10 AM (IST)Updated: Sun, 30 Apr 2017 08:29 PM (IST)
भारत दौरे पर पहुंचे तुर्की के राष्ट्रपति रजब तईब इरदुगान

नई दिल्ली(एएनआइ)। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन अपनी पत्नी तइब एर्दोगन के साथ भारत के दो दिवसीय दौरे पर रविवार शाम को नई दिल्ली पहुंचे। हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया गया। 

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इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने सुरक्षा एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि आइएसआइएस के खतरों के मद्देनजर उन्हें सर्वोच्च सुरक्षा प्रदान की जाए। आईबी ने यह भी मांग की है कि राजधानी में रहने के दौरान हर समय उनके विमान की रक्षा की जाए। इसके साथ ही राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए तैनात अधिकारियों को हथियार ले जाने की अनुमति का विशेष अनुरोध किया गया है।

अपने इस खास दौरे पर एर्दोगन, राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से मुलाकात करेंगे। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक रिसेप्शन के बाद, एर्दोगन राजघाट में महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पहार भी करेंगे।

इरदुगान इसके बाद व्यावसायिक इवेंट में शामिल होंगे जहां वो उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति के इस दो दिवसीय दौरे में जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि से भी सम्मानित करेगी।

इरदुगान साल 2008 में भी भारत दौरे पर आए थे, तब वो प्रधानमंत्री थे। 11 साल प्रधानमंत्री रहने के बाद वो साल 2014 में राष्ट्रपति के लिए चुने गए और बतौर राष्ट्रपति ये भारत का उनका पहला दौरा है।

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तुर्की के राष्ट्रपति को सम्मानित करने का विरोध
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में 1 मई को डिग्री ऑफ डॉक्टर ऑफ लेटर्स से सम्मानित किया जाएगा। जामिया के पूर्व छात्रों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। जामिया के पूर्व छात्र शुद्धब्रत सेनगुप्ता ने चेंज डॉट ओआरजी पर कुलपति को पत्र लिखकर तुर्की के राष्ट्रपति को सम्मानित करने का फैसला लेने का विरोध किया है।

1991 में जामिया से मास कम्युनिकेशन कर चुके सेनगुप्ता ने लिखा है कि तुर्की के राष्ट्रपति एक तानाशाह हैं इसलिए उन्हें यह सम्मान नहीं देना चाहिए। जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद व अन्य लोगों ने भी तुर्की के राष्ट्रपति के खिलाफ अपनी टिप्पणी की है।जामिया मिलिया इस्लामिया कीप्रमुख सेंट्रल कैंटीन शुक्रवार से बंद पड़ी है। इसको लेकर छात्रों में भारी रोष है।


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