सोना नहीं 1857 के गदर का हथियार खोज रही है सरकार
उत्तर प्रदेश में उन्नाव के डौंडियाखेड़ा गांव में एक हजार टन सोने की खोज में खुदाई को लेकर अंधविश्वास फैलाने के आरोप में फंसी मनमोहन सरकार अब बचाव का रा ...और पढ़ें

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में उन्नाव के डौंडियाखेड़ा गांव में एक हजार टन सोने की खोज में खुदाई को लेकर अंधविश्वास फैलाने के आरोप में फंसी मनमोहन सरकार अब बचाव का रास्ता तलाश रही है। पूरे प्रकरण पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच ने गुरुवार को यूटर्न ले लिया। उनका कहना था, 'एएसआइ की टीम वहां सोना नहीं खोज रही है। बल्कि वह 1857 के गदर के दौरान क्रांतिकारियों द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियारों को तलाश रही है।'
सरकार पर आरोप है कि उसने संत शोभन सरकार के सपने के आधार पर डौंडियाखेड़ा में एक हजार टन सोने की खोज में 18 अक्टूबर से खुदाई शुरू करा दी। बहरहाल, राजा राव रामबख्श सिंह के किला परिसर में 192 सेंटीमीटर की खुदाई के बाद भी खजाना होने का अब तक कोई संकेत नहीं मिला है। इस पर मंत्री कटोच ने कहा, 'किला परिसर में जमीन के अंदर धातु होने की भूगर्भ सर्वे विभाग की रिपोर्ट के आधार पर ही पुरातत्व सर्वे विभाग (एएसआइ) ने वहां पर खुदाई शुरू की है। इसका किसी के सपने से कोई लेनादेना नहीं है।' उन्होंने बताया, 'इस समय एएसआइ देश के 148 स्थलों पर उत्खनन करा रही है। लेकिन कुछ लोग डौंडियाखेड़ा की खुदाई को लेकर ही चिंतित हैं कि एएसआइ यहां पर क्यों उत्खनन करा रही है। अब इस बारे में जिसको जो सोचना है वह सोचे। मैं क्या कर सकती हूं।' जब कटोच से पूछा गया कि क्या उन्हें खुदाई में एक हजार टन सोना मिलने की उम्मीद है तो उनका जवाब था, 'हमारे पास जीएसआइ की रिपोर्ट है जो उस क्षेत्र में किसी धातु की मौजूदगी दर्शाती है। वह सोना, चांदी या इस्पात कुछ भी हो सकता है। बंदूकें या मूर्तियां भी मिल सकती हैं।' बकौल कटोच, 'वैसे हम 1857 के गदर में क्रांतिकारियों द्वारा इस्तेमाल किए गए हथियारों का पता लगाने के लिए वहां पर खुदाई करा रहे हैं। हम देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कोई भी चीज वहां से हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।'
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