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    माहिम दरगाह में शान से फहराया गया तिरंगा, लगे 'भारत माता की जय' के नारे

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Fri, 18 Mar 2016 12:02 PM (IST)

    एमआइएम के असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता जहां एक ओर 'भारत माता की जय' नहीं बोलने पर अड़े हैं, वहीं मुंबई की मशहूर माहिम दरगाह परिसर में गुरुवार को न सिर्फ तिरंगा झंडा फहराया गया बल्कि बड़ी संख्या में यहां इकट्ठा हुए मुस्लिम समाज के लोगों ने राष्ट्रगान के साथ 'भारत

    मुंबई। एमआइएम के असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता जहां एक ओर 'भारत माता की जय' नहीं बोलने पर अड़े हैं, वहीं मुंबई की मशहूर माहिम दरगाह परिसर में गुरुवार को न सिर्फ तिरंगा झंडा फहराया गया बल्कि बड़ी संख्या में यहां इकट्ठा हुए मुस्लिम समाज के लोगों ने राष्ट्रगान के साथ 'भारत माता की जय' के नारे भी लगाए।

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    माहिम स्थित पीर मकदूम शाह बाबा की दरगाह दुनिया भर में माहिम दरगाह के नाम से मशहूर है। इस दरगाह के 603वें उर्स पर मुस्लिम समाज के लोगों ने देश में पहली बार किसी दरगाह के भीतर तिरंगा फहराया और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए। दरगाह के ट्रस्टियों के अनुसार आतंकी संगठन आइएस का खतरा हमारी दहलीज पर दस्तक दे रहा है। ऐसे में देश के नौजवान देश की चंद घातक शक्तियों के षड्यंत्र का शिकार न बनें। इसलिए पीर मकदूम शाह बाबा के शांति और प्रेम के संदेश को देशभर में फैलाने की जरूरत है।' उन्होंने बताया कि इसी मकसद से 'माहिम दरगाह' के नाम से पहले ही एक एप जारी किया गया है। इसके जरिए मुस्लिम युवकों को इस्लाम और उसके अर्थ का मार्गदर्शन किया जाता है।

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    गुरुवार शाम जब माहिम दरगाह परिसर में तिरंगा फहराया गया और 'भारत माता की जय' के नारे लगे, तब शिवसेना सांसद राहुल शेवाले, मशहूर वकील रिजवान, डॉ. मुदस्सर लांबे, शिवसेना के उप नेता हाजी अरफात शेख जैसे कई मुस्लिम समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे। शेख ने बताया कि दरगाह में तिरंगा फहराये जाने के वक्त पुलिस बैंड का बिगुल बजाकर सलामी दी गई। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए मुस्लिम समाज के लोगों ने ओवैसी और देशद्रोही नेताओं को देशभक्ति दिखाकर करारा जवाब दिया है।

    इस्लाम की जानकार झीनत अली ने कहा कि भारत जैसे बहुरंगी और बहुभाषी देश में सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों की बहुत अधिक जरूरत है। वोटों की राजनीति के लिए हमेशा समाज को धर्म और भाषा के नाम पर बांटने का प्रयास होता है। ऐसे वक्त में सभी देशवासियों को अपनी एकजुटता दिखाने की जरूरत है। महाराष्ट्र में पड़े भीषण सूखे की वजह से माहिम दरगाह ने राज्य के एक सूखा प्रभावित गांव को गोद लेने का निर्णय भी लिया है।

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