तृणमूल के विरोध में सड़क पर विपक्ष
सारधा कांड राज्य की सियासत में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस इस घोटाले में एक-एक कर पार्टी के सांसदों के लपेटे में आने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की साख भी दांव पर है। ममता अपनी साख बचाने के लिए अब सतर्क हो गई हैं। तृणमूल ने अब सीबीआइ के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर जनता का फिर से भरोसा हासिल करन
कोलकाता। सारधा कांड राज्य की सियासत में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस इस घोटाले में एक-एक कर पार्टी के सांसदों के लपेटे में आने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की साख भी दांव पर है। ममता अपनी साख बचाने के लिए अब सतर्क हो गई हैं। तृणमूल ने अब सीबीआइ के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर जनता का फिर से भरोसा हासिल करने का प्रयास शुरू कर दिया है तो इसी विपक्ष ने जनता में पैठ बनाने की कवायद तेज कर दी है। स्थिति यह है कि एक ओर तृणमूल कांग्रेस सीबीआइ जांच के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही है, तो दूसरी ओर भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने सीबीआइ जांच के समर्थन व तृणमूल नेताओं के खिलाफ सड़क पर उतर जमकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इससे पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मचा रहा।
बंगाल की कानून मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के नेतृत्व में शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस की महिला शाखा ने दूसरे दिन भी सीबीआइ दफ्तर के सामने धरना-प्रदर्शन किया। इसके अलावा दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर भी तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीबीआइ के खिलाफ धरना दिया। हालांकि पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि सीबीआइ के खिलाफ धरना-प्रदर्शन से इसका गलत संदेश जाएगा। कानून मंत्री भट्टाचार्य के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की महिलाएं सीबीआइ दफ्तर के समक्ष विरोध प्रदर्शन कर रही थी उसी समय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जुलूस सीबीआइ दफ्तर की ओर कूच किया। यह जुलूस सारधा कांड के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और तृणमूल द्वारा सीबीआइ जांच पर अंगुली उठाने के विरोध में निकाला गया।
जुलूस के आगे बढ़ने से रोकने पर पुलिस के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं की धक्का-मुक्की भी हुई। मामला बढ़ने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारी कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, कुछ देर बाद गिरफ्तार सभी कांग्रेसियों को रिहा कर दिया। इसके कुछ देर बाद माकपा की महिला शाखा समेत चार वामपंथी महिला संगठन की सैकड़ों महिलाओं ने दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विधाननगर पुलिस आयुक्त दफ्तर के निकट प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सारधा कांड में स्पेशल जांच टीम पर विफलता व मामले की लीपापोती करने का आरोप लगाया। भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे व सारधा के दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग करते हुए राज्यभर में थाने का घेराव किया। साल्टलेक में भी इलेक्ट्रानिक्स कांप्लेक्स थाने के निकट विरोध प्रदर्शन कर ान सौंपा। चार वामपंथी महिला संगठनों ने विधानसभा कमिश्नरेट के सामने से जुलूस निकाला। साल्टलेक के विभिन्न रास्तों से होकर वामपंथी महिलाओं का जुलूस सीबीआइ मुख्यालय की ओर कूच किया। पुलिस ने वामपंथी महिलाओं के जुलूस को भी सीजीओ कांप्लेक्स की ओर से जाने से रोक दिया। इस पर महिलाओं ने लाबोनी मोड़ के समक्ष रोक दिया उसके बाद वे वहीं धरना पर बैठ गईं।
उधर, सारधा कांड के दोषियों की गिरफ्तारी व उन्हें सजा दिलाने की मांग पर सीटू व एटक सहित वामपंथी छात्र, युवा व महिला संगठनों ने 15 सितंबर को महानगर में जुलूस निकालने की घोषणा की है। सीटू अध्यक्ष श्यामल चक्रवर्ती ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पीड़ितों को न्याय दिलाने, उनका पैसा वापस लौटाने तथा दोषियों को सजा दिलाने की मांग पर 15 सितंबर को महानगर में विशाल जुलूस निकलेगा जिसमें श्रमिक संगठनों सहित विभिन्न वामपंथी संगठन शामिल होंगे। जुलूस सुबोध मल्लिक स्क्वायर से निकल कर धर्मतल्ला के रानीरासमणि रोड में जाकर खत्म होगा।
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