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    RSS के मुखपत्र पांचजन्य ने टीपू सुल्तान को बताया दक्षिण का औरंगजेब

    By Lalit RaiEdited By:
    Updated: Tue, 24 Nov 2015 09:50 AM (IST)

    कर्नाटक सरकार द्वारा मनायी गयी टीपू सुल्तान की जन्मशती विवादों के घेरे में है। संघ के मुखपत्र पांचजन्य में कहा गया है कि टीपू सुल्तान दक्षिण भारत का औरंगजेब था। कर्नाटक में मुस्लिम ध्रुवीकरण के लिए टीपू जयंती मनायी गयी।

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    नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार द्वारा मनायी गयी टीपू सुल्तान की जन्मशती विवादों के घेरे में है। संघ के मुखपत्र पांचजन्य में कहा गया है कि टीपू सुल्तान दक्षिण भारत का औरंगजेब था। कर्नाटक में मुस्लिम ध्रुवीकरण के लिए टीपू जयंती मनायी गयी। कुछ इतिहासकारों ने भ्रामक तौर पर टीपू की सहिष्णु होने की तस्वीर पेश की है, लेकिन हकीकत इसके ठीक विपरीत है।

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    टीपू सुल्तान हकीकत में मदान्ध था, उसने न केवल मंदिरों और चर्चों को तोड़ा बल्कि जबरन धर्मांतरण भी कराए। पांचजन्य के मुताबिक टीपू की जन्मतिथि 20 नवंबर है लेकिन कर्नाटक सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति के तहत छोटी दिवाली के दिन 10 नवंबर को टीपू की जयंती मनायी। दरअसल 10 नवंबर के दिन टीपू ने 700 मेलकोट आयंगर ब्राह्मणों को फांसी पर लटकाया था। इसाइ नेता भी टीपू की असहिष्णुता का जिक्र करते हैं, उनके मुताबिक 1784 में उसने मैंगलोर के मिलेग्रेस चर्च को तहस नहस कर दिया था। टीपू ने अंग्रेजों के लिए जासूसी के शक में 60 हजार से ज्यादा कैथोलिकों को बंदी बनाया था और मैसूर तक पैदल चलने के लिए मजबूर कर दिया था, जिसमें चार हजार कैथोलिकों की मौत हो गयी थी।

    टीपू सुल्तान ने तमिलनाडु और केरल पर कई बार हमला किया था और हमले के दौरान पकड़े गए लोगों का जबरन धर्मांतरण कराया। इसके अलावा बड़ी संख्या में आम तमिलों का भी धर्मांतरण कराया। 19 जनवरी 1790 को बुरदुज जमाउन खान नाम के एक शख्स को पत्र लिखा और कहा कि क्या आपको पता है कि हाल ही में मैंने मलाबार पर जीत दर्ज की है, और चार लाख से ज्यादा हिंदुओं को जबरन इस्लाम में धर्मांतरण कराया है। 19वीं सदी में ब्रिटिश अधिकारी लोगान मे 'मलाबार मैनुअल' में लिखा है कि कैसे 30 हजार सैनिकों के साथ उसने कालीकट में तबाही मचायी थी। 1788 में टीपू की सेना ने कूर्ग पर आक्रमण किया और इलाके के सभी गांवों को जला दिया। पांचजन्य के मुताबिक टीपू ने कहा था कि वो सभी काफिरों को मुसलमान बना देगा। उसने मैसूर को मुसलमान राज्य घोषित कर दिया था।

    'फ्रीडम स्ट्रगल इन केरल ' में पांच लाख हिंदुओं को मुसलमान बनाने का जिक्र है।टीपू ने कहा था कि यदि सारी दुनिया भी एक साथ हो जाए उस हालात में भी वो हिंदू मंदिरों को तोड़ने से नहीं रुकेगा।

    टीपू सुल्तान की शिवाजी जैसा दर्जा के गिरीश कर्नाड के बयान पर निशाना साधते हुए कहा गया कि उनको इतिहास के बारे में जानकारी नहीं है। शिवाजी ने न तो कभी कोई मस्जिद तोड़ी न ही किसी का धर्मांतरण कराया था।ऐसे में टीपू और शिवाजी में तुलना नहीं की जा सकती है।कर्नाटक सरकार महज मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है और जनता को गुमराह कर रही है।

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